कोलंबो: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अगले हफ्ते वापस देश लौट आएंगे। स्थानीय प्रसारक न्यूजफर्स्ट ने बुधवार को राजपक्षे के चचेरे भाई और पूर्व राजदूत उदयंगा वीरातुंगा के हवाले से यह जानकारी दी। बता दें कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण राजपक्षे अपने खिलाफ जन आक्रोश के बीच देश छोड़कर 13 जुलाई को मालदीव चले गए थे और वहां से अगले दिन निजी यात्रा पर सिंगापुर आए थे। फिलहाल, इस समय वो थाईलैंड में अस्थायी रूप से शरण ले रहे हैं।
न्यूजफर्स्ट की रिपोर्ट के अनुसार, रूस में श्रीलंका के पूर्व राजदूत उदयंगा वीरातुंगा ने कहा कि वह 24 अगस्त को श्रीलंका पहुंचेंगे। वीरातुंगा ने बताया, "उन्होंने मुझसे फोन पर बात की, मैं आपको बता सकता हूं कि वह अगले हफ्ते देश लौट आएंगे।" वीरतुंगा ने कहा कि अपदस्थ राष्ट्रपति को राजनीतिक पदों के लिए फिर से नहीं चुना जाना चाहिए, लेकिन वह अभी भी देश की कुछ सेवा कर सकते हैं जैसा उन्होंने पहले किया था।
बताते चलें कि श्रीलंका सात दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके चलते लोग खाद्य पदार्थ, दवा, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 22 मिलियन लोगों का देश कई महीनों के लिए विनाशकारी आर्थिक संकट से अपंग हो गया है। ईंधन, भोजन और अन्य आवश्यकताओं की कमी के कारण आवश्यक आयात के लिए आवश्यक विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड निम्न स्तर पर गिर गया है।
इस बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे यह स्पष्ट करने के लिए आगे आए कि मौजूदा सरकार राजपक्षे के विदेश प्रवास के लिए भुगतान नहीं कर रही है। श्रीलंका के न्यूजवायर की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी सूचना विभाग ने एक बयान में कहा कि गोटभाया राजपक्षे विदेश में होने वाले किसी भी खर्च के लिए राज्य के धन का उपयोग नहीं कर रहे हैं। विभाग ने कहा, "ऐसे सभी खर्च पूर्व राष्ट्रपति के निजी कोष से वहन किए जाते हैं।"