बगदाद:इराक में भी श्रीलंका की तरह विरोध-प्रदर्शन देखने को मिल रहे है और ऐसे में बुधवार को आक्रोशित सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन पर कब्जा कर लिया है। बताया जा रहा है कि इराकी पीएम पद के उम्मीदवार का विरोध कर रहे है, इसके विरोध प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन को कब्जे में लिया है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इराकी प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर वो लोग है जो शिया लीडर मुक्तदा अल सदर का समर्थक है। ये लोग ईरान समर्थित पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री के लिए पूर्व मंत्री और पूर्व प्रांतीय गवर्नर मोहम्मद शिया अल-सुदानी का विरोध कर रहे है।
ऐसे में जानकारी के अनुसार, आक्रोशित सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के साथ कई और भवनों में प्रवेश किया है जिसे सुरक्षाकर्मी जाने दिए थे। बताया जा रहा है कि जब प्रदर्शनकारी संसद भवन में दाखिल हुए थे, उस वक्त वहां कोई नहीं था और ऐसे में सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को रोका तक नहीं और उन्हें भवनों के अन्दर आने दिए।
वॉटर कैनन से पुलिस ने रोकना चाहा था
आपको बता दें कि पुलिस सीमेंट की दीवार गिराने वाले प्रदर्शनकारियों को रोकना चाही लेकिन जब वह नहीं रूके तो उन पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया है। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने शिया नेता अल-सदर की तस्वीरें हाथ में लिए "अल-सुदानी, आउट!" के नारे भी लगाते हुए दिखाई दिए है।
अल जजीरा के मुताबिक, पुलिस पहले मेन गेट पर तैनात थी और दीवार गिराने वाली भीड़ को पिछे खदेड़ रही थी, इस बीच ग्रीन जोन के दो प्रवेश द्वारों पर प्रदर्शनकारी जमा होने लगे और फिर उन लोगों ने सीमेंट की दीवार तोड़कर अन्दर आ गए। बताया जा रहा है कि यह प्रदर्शनकारी के अलग-अलग शहरों से आए थे।
इन प्रदर्शन के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है जिसमें लोग संसद भवन में घुसते हुए दिखाई दे रहे है। यही नहीं कुछ लोग टेबल-कुर्सियों पर भी चढ़ते हुए दिखाई दे रहे है।
प्रधानमंत्री मुस्तफा ने लोगों की दी चेतावनी
प्रधानमंत्री मुस्तफा अल कदीमी ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे ग्रीन जोन को खाली कर दें। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि राज्य संस्थानों और विदेशी मिशनों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल हर संभव कोशिश करेंगे। ऐसे जल्द से जल्द ग्रीन जोन खाली करने के साथ शांति भी बनाए रखने की बात पीएम मुस्तफा ने की है।
क्यों पीएम का नया चेहरा देखा जा रहा है
दरअसल, इराक के अक्टूबर 2021 के आम चुनाव में मौलवी अल-सदर के गुट को 73 सीटें मिली थी जिससे यह संसद में सबसे बड़ा गुट बन गया था। इसके बावजूद भी मौलवी अल-सदर राष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी बहुमत जुटा नहीं पाए थे और वे फिर वह सरकार बनाने से पीछे हट गए थे।