दिल्ली के दरियागंज इलाके में नागरिकता संशोधित कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा मामले में गिरफ्तार भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली कोर्ट ने कहा है कि जामा मस्जिद पाकिस्तान में है क्या, जहां विरोध प्रदर्शन करना गलत है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन करना हर किसी का अधिकार है, आप ऐसा बर्ताव कर रहे हैं जैसे जामा मस्जिद पाकिस्तान में हो? कोर्ट के इस बयान के बाद ट्विटर पर 'Jama Masjid' ट्रेंड करने लगा है। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है।
इस ट्रेंड के साथ लोग गृह मंत्री अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना कर रहे हैं। कई यूजर्स ने लिखा है कि सरकार दिल्ली पुलिस को ऐसा करने का आदेश भी को गृह मंत्रालय की ओर से दिया गया था। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर लिखा, धरना करने में क्या गलत है? ये हमारा संवैधानिक अधिकार है। इसमें हिंसा क्या है?
कांग्रेस नेता संजय झा ने लिखा है, डियर अमित शाह साहब, जामा मस्जिद पाकिस्तान में नहीं है, दिल्ली कोर्ट ने कहा है। सर, दिल्ली पुलिस के लिए बहुत शर्मनाक है। किसने वहां रिपोर्ट की थी....।
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कोर्ट ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के लिए क्या कहा?
कोर्ट ने कहा, 'भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद एक उभरते हुए नेता हैं। विरोध करने में क्या गलत है? मैंने कई लोगों को देखा है और कई मामले भी देखे हैं जहां विरोध प्रदर्शन संसद के बाहर हुए।' दिल्ली की एक अदालत ने दरियागंज हिंसा मामले में गिरफ्तार भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
बता दें कि भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने जमानत के लिए दिल्ली की अदालत में याचिका में दायर की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके खिलाफ अस्पष्ट आरोप लगाया है और गिरफ्तारी के लिए निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया। मौजूदा समय में न्यायिक हिरासत में मौजूद आजाद ने दावा किया कि प्राथमिकी में उनके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं जो न केवल ‘‘आधारहीन’’ हैं बल्कि ‘‘विचित्र’’ भी हैं। आजाद की जमानत याचिका वकील महमूद प्राचा के जरिये दाखिल की गई।
नागरिकता संशोधन कानून में बदलाव के खिलाफ दरियागंज में 20 दिसंबर 2019 को प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के बाद दर्जनों लोग को गिरफ्तार किया गया था। इलाके से प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश कर रही पुलिस पर प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पथराव किया था जिसके कारण हिंसा भड़क उठी थी।