न्यूयॉर्क: भारतीय मूल के पराग अग्रवाल को ट्विटर का सीईओ बनाए जाने की घोषणा के साथ ही उनकी चर्चा तेज हो गई है। ट्विटर के निवर्तमान सीईओ जैक डॉर्सी ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफे की घोषणा की और 37 साल के पराग अग्रवाल को नया सीईओ बनाए जाने का भी ऐलान हुआ।
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक अग्रवाल को बोनस, प्रतिबंधित शेयरों और प्रदर्शन-आधारित शेयर इकाइयों के अलावा सालाना 10 लाख डॉलर का वेतन मिलेगा। इस बीच पराग अग्रवाल का सालों पुराना एक ट्वीट भी चर्चा में आ गया, जिसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वहीं, कई यूजर्स उन पर निशाना साध रहे हैं।
मुस्लिमों, चरमपंथी और नस्लभेद पर पराग अग्रवाल का ट्वीट
पराग अग्रवाल ने इसमें मुस्लिमों, चरमपंथी सहित गोरों और नस्लभेद की बात की है। इसे लेकर अब विवाद शुरू हो गया है। दरअसल पराग अग्रवाल ने 26 अक्टूबर को किए गए इस ट्वीट में लिखा था, 'अगर वे मुसलमान और चरमपंथियों के बीच अंतर नहीं करते तो फिर मुझे गोरे लोगों और नस्लवादियों में अंतर क्यों करना चाहिए?' पराग अग्रवाल ने जब ये ट्वीट किया था, तब वे ट्विटर के लिए काम नहीं करते थे।
बहरहाल, अब इस ट्वीट पर कई कमेंट आने लगे हैं। वैसे पराग अग्रवाल ने तब भी अपने ट्वीट को लेकर कहा था कि यह बात कॉमेडियन आसिफ़ मांडवी ने 'डेली शो' के दौरान कही थी जिसे उन्होंने हूबहू ट्वीट किया था।
बहरहाल, इस ट्वीट पर खासकर दक्षिणपंथी विचारधारा के यूजर्स पराग अग्रवाल पर निशाना साध रहे हैं। अमेरिका की सीनेटर और रिपब्लिकन पार्टी नेता मार्शा ब्लैकबर्न ने लिखा, 'ट्विटर के नए सीईओ ने धर्म को पिरामिड स्कीम बताया है। यह वह हैं जो आपकी बात को ऑनलाइन नियंत्रित करेंगे।'
वहीं, अमेरिकी पत्रकार क्ले ट्रेविस ने लिखा, 'यह हैं ट्विटर के नए सीईओ। यहां जैक डॉर्सी के जाने के बाद चीजें और खराब होने जा रही हैं।'
वहीं कुछ यूजर ने लिखा कि उन्हें ये समझ नहीं आ रहा कि पराग अग्रवाल के इस ट्वीट से समस्या क्या है।
सिराज हाशमी नाम के यूजर ने लिखा, 'जिस संदर्भ में यह कहा गया है वो डेली शो से आया है। मुझे लगता है कि यह साफ दिखाता है कि पराग इस बात से सहमत हैं कि सभी मुस्लिम चरमपंथी नहीं होते और न ही सभी गोरे लोग नस्लभेदी होते हैं।'
इसके अलावा कुछ मजेदार कमेंट भी इस ट्वीट पर आ रहे हैं।
आईआईटी-बंबई और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र अग्रवाल 2011 से ट्विटर में काम कर रहे हैं। वे 2017 से कंपनी के सीटीओ हैं। जब वह कंपनी में शामिल हुए थे तब उसके कर्मचारियों की संख्या 1,000 से भी कम थी।