भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने 9 जनवरी 2020 को चेन्नई में द न्यू इंडियन एक्सप्रेस कॉन्क्लेव में कहा कि पीएम मोदी को उन्हे देश का वित्त मंत्री बना देना चाहिए। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'पीएम मोदी को मुझे वित्त मंत्री बनाना चाहिए, वह इकोनॉमिक्स नहीं समझते हैं।' वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बारे में बात करते हुए कहा है कि स्वामी ने कहा उनके बारे में जितना कम बात की जाए उतना ही अच्छा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की नीतियों की स्वामी ने आलोचना की।
अंग्रेजी वेबसाइट द प्रिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 'स्वामी ने कहा कि वह 1972 से मोदी को जानते हैं और दोनों एक दूसरे के साथ सौहार्दपूर्ण हैं। लेकिन मेरी समस्या यह है कि मैं केवल सिर्फ एक अर्थशास्त्री नहीं हूं, बल्कि मैं एक राजनेता भी हूं और अगर मुझे वित्त मंत्रालय मिलता है और अच्छा काम करूंगा, तो लोग डरते हैं कि मैं पलट सकता हूं और कह सकता हूं कि अब मैं वित्त मंत्रालय से संतृप्त हूं। कृपया प्रधानमंत्री मुझे वित्त मंत्रालय दें।'
सुब्रमण्यम स्वामी के इस बयान के बाद कई लोगों ने इसको शेयर किया है। उनका ये बयान वायर हो गया है।
देश की अर्थव्यवस्था काफी खराब स्थिति में: सुब्रमण्यम स्वामी
शुक्रवार को एक अन्य कार्यक्रम में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, देश की अर्थव्यवस्था काफी खराब स्थिति में है और निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए कर आतंकवाद पर लगाम लगायी जानी चाहिए। अर्थव्यवस्था की स्थिति काफी खराब है। सब कुछ नीचे की ओर जा रहा है, यदि ऐसा ही जारी रहा तो बैंकों का कामकाज बंद हो जाएगा, एनबीएफसी बंद हो जाएगा और इसके काफी खराब परिणाम होंगे।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, जो उपाय किए जा सकते हैं उनमें पहले आयकर को समाप्त करने की जरूरत है। हमारे देश में कर आतंकवाद पर लगाम लगाने की जरूरत है ताकि लोग निवेश शुरू करें और ‘टैक्समैन’ से डरें नहीं। वर्तमान में हम जिस समस्या का सामना कर रहे हैं, वह है मांग की कमी, हमारे पास अच्छी आपूर्ति है। इसलिए सरकार को नोट छापने और इसे लोगों के हाथों में देने की जरूरत है, जिससे कि मांग बढ़े।
जेएनयू विवाद पर क्या बोले सुब्रमण्यम स्वामी
जेएनयू विवाद पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, जेएनयू जैसे विश्वविद्यालयों में केवल पुलिस ही नहीं बल्कि सीआरपीएफ और बीएसएफ भी होनी चाहिए। जेएनयू को दो वर्ष के लिए बंद कर दिया जाना चाहिए और उसके ‘अच्छे छात्रों’को दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे अन्य विश्वविद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए।