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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र: वरिष्ठ पत्रकार ने उठाया सवाल, दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना, एक ही जाति के 6 लोग क्यों

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 6, 2020 16:28 IST

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा है कि 15 सदस्यीय ट्रस्ट में एक दलित व्यक्ति को जगह देने की घोषणा अमित शाह ने की है उसी तरह ओबीसी समाज से भी एक व्यक्ति को शामिल किया जाए.

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ठळक मुद्देश्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नौ सदस्यों की घोषणा 5 फरवरी को हुई है.सुप्रीम कोर्ट में रामलला का केस लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता के.परासरन भी ट्रस्ट का सदस्य बनाए गए हैं.

मोदी सरकार द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए नवगठित ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’’ के सदस्यों के नामों की घोषणा पर सवाल उठ रहे हैं. राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने सवाल उठाया कि हमने राम मंदिर के निर्माण के लिए पूरे जीवन की कुर्बानी दी है, लेकिन ट्रस्ट के गठन में हमारा कोई नामोनिशान नहीं है. इसके अलावा खुद सरकार ने बताया है कि ट्रस्ट में एक सदस्य दलित समाज से होगा. बिहार के कामेश्वर चौपाल को सदस्य बनाया गया है. 

अब सोशल मीडिया में भी ओबीसी को शामिल करने की मांग उठ रही है. इंडिया टुडे के पूर्व एडिटर दिलीप मंडल ने फेसबुक पर लिखा, भारत में हुई आखिरी जनगणना, जिसमें जाति गिनी गई, के मुताबिक दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना है. राममंदिर का ट्रस्ट सरकार बना रही है. उसमें अब तक घोषित 9 में 6 सदस्य ब्राह्मण हैं. अध्यक्ष भी ब्राह्मण हैं. इस हिसाब से ट्रस्ट में 6X3= 18 सदस्य दलित होने चाहिए. OBC अभी शून्य है. ट्रस्ट सरकार बना रही है. इसलिए हिस्सेदारी की बात है. निजी ट्रस्ट होता तो ये सवाल नहीं उठता. इतना सारा पैसा आएगा मंदिर के नाम पर. उसे संचालित करने का जिम्मा एक जाति पर कैसे छोड़ा जा सकता है.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य

वरिष्ठ अधिवक्ता के.परासरनज्योतिषपीठाधीश्वर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराजजगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज युगपुरुष परमानंद जी महाराजस्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराजविमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रहोम्योपैथिक चिकित्सक अनिल मिश्राकामेश्वर चौपाल (दलित प्रतिनिधि)महंत दिनेंद्र दास

इसके अलावा दो प्रमुख हिंदू नामित सदस्यों के नामों पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य बहुमत से फैसला लेंगे.  एक हिंदू प्रतिनिधि को केंद्र सरकार मनोनीत करेगी, जो आईएएस सेवा में कार्यरत होगा और भारत सरकार में संयुक्त सचिव स्तर या उससे नीचे के रैंक का नहीं होगा. एक हिंदू प्रतिनिधि को उत्तर प्रदेश सरकार मनोनीत करेगी. प्रतिनिधि ऐसा आईएएस अधिकारी होगा जो उत्तर प्रदेश सरकार में सचिव पद से नीचे के रैंक का न हो. अयोध्या के जिला कलेक्टर इसके पदेन ट्रस्टी होंगे, जो हिंदू होंगे. यदि अयोध्या का जिला कलेक्टर हिंदू न हो तो अतिरिक्त कलेक्टर, जो हिंदू हो उसे पदेन सदस्य बनाया जाएगा. राम मंदिर परिसर के विकास एवं प्रशासन से संबंधित समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति न्यासी प्रतिनिधिमंडल करेगा. अध्यक्ष एक हिंदू होगा जो पदेन सदस्य भी होगा.

टॅग्स :राम मंदिरराम जन्मभूमिअयोध्यानरेंद्र मोदीके परासरन
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