नोएडा के 34 वर्षीय सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले एक शख्स गौरव की हार्ट अटैक की वजह से मौत हो गई है। हैरानी वाली बात ये है कि शख्स को दिल का दौरा उस वक्त पड़ा जब चालान के लिए ट्रैफिक पुलिस से बहस कर रहा है। मोटर वाहन संसोधन विधयेक-2019 के एक सितंबर से लागू होने के बाद से इसकी आलोचना हो रही है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा देश के अलग-अलग हिस्सों में दस हजार से लेकर पचास हजार तक के चालान काटे गये हैं।
गौरव के रिश्तेदार अंकूर शर्मा ने इंडिया टूडे बातचीत में बताया है कि ट्रैफिक पुलिस ने लाठी से गौरव के कार को मारा था। ताकी गौरव अपनी कार रोक दे। इसी की वजह से गौरव और ट्रैफिक पुलिस के बीच बहुत ज्यादा तीखी बहस हो गई। परिवार वालों ने यह भी आरोप लगाया है कि ट्रैफिक पुलिस वालों ने गौरव के साथ गाली-गलौज के साथ बात की थी।
पुलिस के साथ बहस के दौरान गौरव अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा। इसके बाद पुलिस ने मदद करने की बजाये उसको वहां बेहोश छोड़ निकल पड़े। आस-पास खड़े लोगों ने आनन-फानन में गौरव को पास के अस्पताल लेकर गये, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गौरव के पिता मूलचंद शर्मा ने कहा कि गौरव और वह अपने किसी रिश्तेदार से मिलने के लिए इंदिरापुरम जा रहे थे। उसी दौरान मॉडल टाउन अंडरपास के ऊपर इंदिरापुरम साइड में खड़े ट्रैफिक पुलिसकर्मी से बहस हुई थी। घटना रविवार शाम छह बजे की है। पिता का आरोप है कि ट्रैफिक पुलिस ने उसे ज्यादा चालान काटने के लिए धमकी भी दी थी।