प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (22 दिसंबर) को दिल्ली के रामलीला मैदान से संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर हिंसक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर निशाना साधा था और पुलिस की तारीफ करते हुए खाकी का सम्मान करने की जन अपील की थी। पीएम मोदी ने साथ ही एक आंकड़ा अपने भाषण में शामिल किया था। उन्होंने कहा था कि आजादी से लेकर अब तक 33 हजार पुलिसकर्मियों ने अपना काम करते हुए शहादत दी है।
पीएम मोदी के बयान को उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने आधकारिक हैंडल से ट्वीट किया था लेकिन बाद में पोस्ट डिलीट कर दी थी। यूपी पुलिस द्वारा ट्वीट डिलीट किए जाने के बाद एक हिंदी समाचार चैनल की न्यूज एंकर साक्षी जोशी ने स्क्रीनशॉट साझा करते हुए सवाल किया, ''ये ट्वीट डिलीट क्यों कर दिया यूपी पुलिस? ट्वीट डिलीट करने से आपकी मंशा डिलीट नहीं हो जाती। तो अगर पीएम को पुलिस पर हुई हिंसा की निंदा करने का हक है तो हमें भी पुलिस द्वारा जनता पर हुई हिंसा पर निंदा करने का उतना ही हक है।''
बता दें कि यूपी पुलिस द्वारा डिलीट किए ट्वीट में लिखा था, ''माननीय प्रधानमंत्री ने पुलिस पर हो रहे हमलों की निंदा करते हुए आज कहा कि विषम परिस्थितियों में भी पुलिसकर्मी बिना किसी भेदभाव के नागरिकों की मदद करते हैं, आजादी से अब तक 33000 पुलिसकर्मियों ने राष्ट्र की सेवा करते हुए अपनी शहादत दी है। यह बहुत बड़ा आंकड़ा है, लोगों को पता होना चाहिए।''
साक्षी जोशी द्वारा सवाल किए जाने पर कई यूजर्स पुलिस के खिलाफ अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। हालांकि, मामले लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही है।