हैदराबाद में हुए गैंगरेप-हत्या, उन्नाव पीड़िता को जिंदा जलाना इन मामलों के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से यह मांग की जा रही थी कि रेपिस्ट के लिए सख्त से सख्त कानून बनाए जाए। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक मैसेज काफी वायरल हुआ। जिसमें दावा किया गया था कि केंद्र सरकार ने महिलाओं को यह हक दिया है कि वह रेपिस्ट की हत्या कर सकती हैं। इस मैसेज को पिछले हफ्ते से व्हाट्सऐप और फेसबुक पर लोग काफी शेयर कर रहे हैं। मैसेज में लिखा जा रहा है कि सरकार ने नया कानून बनाकर उसे पास कर दिया है, जिसके मुताबिक अब कोई भी महिला रेपिस्ट की हत्या कर सकती है और उसके बाद उसे दोषी नहीं माना जाएगा।
वायरल दावे में यह भी लिखा गया है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 233 के तहत किसी महिला से कोई पुरुष रेप करता है या रेप का शक है तो उसके पास हक है कि वह अपनी रक्षा में शख्स की हत्या कर सकती है या फिर उसे गंभीर चोट दे सकती है। महिला को इसके लिए दोषी नहीं माना जाएगा।
जानें वायरल मैसेज की क्या सच्चाई है?
इस फेक खबर की सूचना जैसे ही प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की टीम को मिली। उन्होंने इस वायरल मैसेज को शेयर करते हुए कहा कि इस तरह के किसी भी कानून को केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं मिली है। नाही ऐसा कोई भी कानून बनाया जा रहा है। पीआईबी ने अपने अधिकारिक ट्वीट हैंडल पर लिखा, दावा: नया कानून पारित - "भारतीय दंड संहिता की धारा 233", एक संभावित बलात्कारी को मारने की अनुमति देता है। वास्तविकता: धारा 233 मुद्रा के जालसाजी से संबंधित है। शरीर और संपत्ति के निजी बचाव के अधिकार के 96 से 100 धारा के बीच है। इस दावे की सच्चाई ये है कि ये पूरी तरह फेक न्यूज है।