भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को लेकर एक सोशल मीडिया पर एक दावा किया जा रहा है। वीडियो वायरल कर दावा किया जा रहा है कि दिलली में मनोज तिवारी के काफिले के लिए एंबुलेंस को रोका गया था। इसके साथ यह भी दावा किया जा रहा है कि इस एंबुलेंस में एक जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही बच्ची ने दम तोड़ दिया है। यह वीडिय फेसबुक और ट्विटर दोनों जगह इसी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
वीडियो में एक एंबुलेंस दिख रही है जो पुलिस नाकेबंदी पर खड़ी है और आस-पास थोड़े से लोग जाम लगा कर खड़े हैं।
एक यूजर ने वीडियो को शेयर कर लिखा, 'भाजपा सांसद मनोज तिवारी के लिए दिल्ली पुलिस ने एंबुलेंस रोकी, एंबुलेंस में जिंदगी और मौत से लड़ रही बच्ची थी और अंत में बच्ची ने दम तोड़ दिया। आज आपने शेयर नहीं किया तो आपके साथ भी ये हो सकता है आज से whatsapp चलाना छोड़ दो या फिर ये वीडियो पूरी दुनिया मे भेज दो और आगे आपकी मर्जी है।' इस यूजर की आईडी से इस वीडियो को तकरीबन तीन हजार लोगों ने शेयर किया है और 58 हजार के व्यूज हैं।
वरिष्ठ पत्रकार और लेखिका तवलीन सिंह ने भी यह वीडियो ट्वीट किया था। जिसे तीन हजार से ज्यादा लोग उनके ट्वीट को शेयर कर चुके हैं।
क्या है वायरल हो रहे वीडियो के दावे के पीछे की सच्चाई
इंडिया टुडे के मुताबिक ये वीडियो 2017 का है। जब मलेशिया के प्रधानमंत्री के काफिले को रास्ता देने के लिए एंबुलेंस रोकी गई थी। 2017 में इस खबर पर समाचार एजेंसी पीटीआई ने भी रिपोर्ट की थी। जिसके अनुसार यह घटना दिल्ली में स्थित इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम के गेट नंबर 14 के सामने हुई थी। इन गाड़ियों को भारतीय मेहमान और मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री मोहम्मद नजीब तुन रजाक के काफिले के लिए रोका गया था।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद मनोज तिवारी ने भी ट्वीट कर कहा कि ये एक फेक और पुराना वीडियो है। उन्होंने लिखा, दिल्ली में कभी भी, कहीं भी किसी सांसद के लिए ट्रैफिक नहीं रोका गया है। ये वाहन दिल्ली आये एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि के लिए रोका गया था।' मनोज तिवारी ने इस अफवाह और फेक खबर के लिए दिल्ली पुलिस को केस दर्ज करने के लिये भी कहा था।