नई दिल्ली: देश भर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों से जनता कर्फ्यू की अपील कर रहे हैं। वहीं, कमलनाथ के इस्तीफे के बाद मध्य प्रदेश बीजेपी कार्यालय में सैकड़ों की तदाद में कार्यकर्ताओं व उत्सवी माहौल को देखकर कुमार विश्वास गुस्सा हो गए हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि क्या आप लोगों से दूरी बना कर रहने की बात को नहीं समझते हैं? क्या आप जनता कर्फ्यू का मतलब नहीं समझते हैं? या फिर आप नरेंद्र मोदी जी को सिरियसली नहीं लेते हैं।
उन्होंने इसके साथ ही कहा कि कृप्या कोरोना वायरस के संक्रमण को हल्के में ना लें। यह आपकी पार्टी व सरकार से बड़ी अहम चीज है। आप इसे समझने की कोशिश करें। कृप्या आपलोग इसे बंद कर दें।
बता दें कि मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट से पहले ही कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। कमलनाथ के इस्तीफा देने के बाद भोपाल स्थित बीजेपी दफ्तर में कार्यकर्ताओं की भारी-भीड़ जमा हो गई थी। ]
सैकड़ों की तादाद में जमा होकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कमलनाथ सरकार के गिरने पर खुशी मनाई। इस दौरान कार्यकर्ताओं के बीच मिठाई भी बांटी गई। एक तरफ जहां देश और दुनिया कोरोना वायरस के दंश को झेल रहा है। एक जगह पर ज्यादा लोगों को जमा होने से प्रशासन द्वारा मना किया जा रहा है। वहीं सैकड़ों लोगों का एक साथ आना सोशल मीडिया पर लापरवाही की तरह देखा जा रहा है।
खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को लोगों से 22 मार्च को एक दिन जनता कर्फ्यू के रूप में मनाते हुए घर से नहीं निकलने के लिए कहा है। ऐसे समय में भाजपा कार्यालय में काफी संख्या में लोगों का जुटना और बिना किसी सावधानी के गले मिलना मिठाई आपस में बांटना निश्चित रूप से एक तरह की लापरवाही है। सोशल मीडिया पर लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर नरेश पराशर नाम के एक यूजर ने लिखा कि कल प्रधानमंत्री जी के भाषण और भाजपा अध्यक्ष नड्डा जी के आह्वान पर मध्य प्रदेश में कोराना वायरस से लड़ने उतरे भाजपाई योद्धा।
एक दूसरे यूजर ने लिखा कि देखों भाई शिवराज सिंह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिरयसली नहीं लेते हैं।
आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ के इस्तीफे पर कहा है कि अपने अंतर्विरोधो के कारण अगर सरकार गिर जाए और कांग्रेस के मित्र ही अगर संतुष्ट नहीं रह पाए तो हम कुछ नहीं कर सकते। भाजपा कभी भी सरकार गिराने और बचाने के खेल में नहीं रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मित्र ही प्रदेश की बदहाली देखकर नाराज हो गए।
यही नहीं खुद कमलनाथ ने अपने इस्तीफे के बाद एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा है कि उम्मीदों और विश्वास की हार हो गई। इसके साथ ही कमलनाथ ने ट्वीट कर ये भी कहा, 'आज मध्यप्रदेश की उम्मीदों और विश्वास की हार हुई है, लोभी और प्रलोभी जीत गए हैं। मध्यप्रदेश के आत्मसम्मान को हराकर कोई नहीं जीत सकता। मैं पूरी इच्छाशक्ति से मध्यप्रदेश के विकास के लिए काम करता रहूंगा।'
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'मै प्रदेश की जनता का धन्यवाद व आभार मानता हूं, जिन्होंने इन 15 माह में मुझे पूर्ण सहयोग प्रदान किया। आपके प्रेम -स्नेह - सहयोग की बदौलत ही मेरी सरकार ने इन 15 माह में प्रदेश की तस्वीर बदलने का कार्य किया है।'