भारत सरकार द्वारा लागू किए गए संशोधित नागरिकता कानून को लेकर देशभर के विश्वविद्यालयों में छात्रों द्वारा विरोध और प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच बीसीसीआई अध्यक्ष और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली की बेटी सना गांगुली ने अपनी एक इंस्टा पोस्ट के जरिये भावनाओं की गुगली फेंकी है।
सना गांगुली ने लेखक खुशवंत सिंह की एक किताब में से एक अंश अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट किया, जिस पर लोगों की प्रतिक्रियाएं देख पिता सौरव गांगुली बैकफुट आकर डिफेंस करने लगे। सौरव गांगुली ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर सना को तमाम मौजूदा गरमागरम मुद्दों से दूर रखने की अपील की है। सौरव गांगुली ने कहा है कि सना अभी राजनीति में कुछ जानने के लिए बहुत छोटी हैं।
सौरव गांगुली ने ट्वीट में लिखा, ''कृपया सना को इन सभी मुद्दों से दूर रखें... यह पोस्ट सच नहीं है.. वह राजनीति में कुछ भी जानने के लिए बहुत छोटी लड़की है।''
बता दें कि सना गांगुली ने अपनी इंस्टा पोस्ट में अंग्रेजी में जो लिथा था, उसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा गया था। सना की पोस्ट का हिंदी में अनुवाद कुछ इस प्रकार है- ''हर फांसीवादी शासन को फलने-फूलने के लिए ऐसे समुदायों और समूहों की जरूरत होती है जिन्हें वह बुरा बता सके। यह एक या दो समूह के साथ शुरू होता है लेकिन यह कभी खत्म नहीं होता है। नफरत के लिए खड़ा किया गया आंदोलन केवल लगातर डर और कलह का माहौल बनाकर जिंदा रखा जा सकता है। हम से जो लोग आज सुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि हम मुस्लिम और ईसाई नहीं हैं जो बेवकूफ के स्वर्ग में रहते हैं।
संघ पहले से वामपंथी इतिहासकारों और पाश्चात्य शैली वाले युवाओं को निशाना बना रहा है। कल यह अपनी नफरत स्कर्ट पहनने वाली महिलाओं, मीट खाने वाले लोगों, शराब पीने वालों, विदेश फिल्में देखने वालों, मंदिरों में सालाना तीर्थ यात्राओं पर नहीं जाने वालों, दंत मंजन की जगह टूथपेस्ट इस्तेमाल करने वालों, वैद्य की जगह एलोपैथिक डॉक्टरों को तरजीह देने वालों, 'जय श्रीराम...' चिल्लाने की जगह चुंबन और हाथ मिलाकर स्वागत करने वालों पर दिखाएगा। कोई सुरक्षित नहीं है। हमें यह जरूर समझना चाहिए अगर हम भारत को जिंदा रखने की उम्मीद करते हैं।''
- खुशवंत सिंह की किताब 'द एंड ऑफ इंडिया (2003 में प्रकाशित) का एक अंश फिर से साझा कर रही हूं।
सौरव गांगुल द्वारा सना के बचाव में अपील किए जाने पर लोगों की भर-भरकर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग सना को सही बता रहे हैं और सौरव से कह रहे हैं कि उन्हें अपनी बेटी पर नाज होना चाहिए तो कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं।
शहरा रासिद ने जवाब में लिखा, ''सर, आपको उसके ऊपर गर्व होना चाहिए जो उसने सही बात कही। ''युवा लड़कियों'' के पास भी बुजुर्ग लोगों के जितना राजनीतिक होने का अधिकार है।''
डॉक्टर सनी नाम के यूजर ने लिखा, ''वह आपसे बेहतर देश और अपनी बेटी को जानते हैं।''
प्रेरणा नाम की यूजर ने लिखा, ''वो आपसे कहीं समझदार है गांगुली साहब ! आपकी कुर्सी उसके कद से बहुत छोटी है!''