काबुल : अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद हजारों अफगान लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं । ऐसे में काबुल से एक बचाव विमान में एक अफगान मां के दो सप्ताह के बच्चे को संभालते हुए एक ब्रिटिश सैनिक की तस्वीर वायरल हो रही है । इस तस्वीर के वायरल होने के बाद लोग उनकी खूब तारीफ कर रहे हैं । 31 वर्षीय सार्जेंट एंडी लिविंगस्टोन ने लगभग दो घंटे तक बच्चे संभाला, जब उसने देखा कि उसकी मां ने बेहोशी के हालत में बच्चे को फर्श पर गिरा दिया ।
आईएसआईएसआई-के के आत्मघाती बमबारी के कुछ घंटों बाद लिविंगस्टोन शरणार्थियों और उपकरणों को अंतिम बचाव उड़ान को लेकर उड़ान भरने की जिम्मेदारी थी । दरअसल सिपाही ने कहा कि पहली बार उड़ान भरने के कारण बच्चे की मां परेशान हो गई था और बच्चा उनसे संभाल नहीं रहा था । ऐसे में लिविंगस्टोन ने उनकी मदद की ।
लिविंगस्टोन ने कहा, "हम सभी को मिल गया और इस परिवार पर मेरी नजर गई, जिसमें एक माँ और पिताजी, तीन बहनें और एक भाई थे । बहनों में से एक सदमे या थकावट से बिल्कुल चूर थी इसलिए हमने बिना किसी दवाई के बस उसे खाना देने पर ध्यान दिया और मैं उनके पिताजी के साथ मिलकर उन्हें खाना देने के काम में लगा था । "
उन्होंने आगे कहा, "थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि मेरी आंख के कोने में फर्श पर कुछ गिर रहा है । मैंने देखा कि मां हाथ-पांव मार रही है और महसूस किया कि एक बच्चा उसकी गोद से गिर गया है । मां इतनी थक गई थी, वह उसे उठा तक नहीं पा रही थी । अपनी आंखे खुली रखना और बच्चे को उठाना उसके मानो बस में नहीं था । उन्होंने आगे कहा, "मैंने इस बच्चे को उठाया , जिसकावजन बेहद कम था लेकिन मां इतनी थक गई थी कि वह उसका वजन सह नहीं सकी । फिर ब्रिचिश सिपाही ने बच्चे को ले लिया और विमान की सीट बेल्ट का उपयोग करके उसे उसकी मां के शरीर से बांध दिया लेकिन महिला की हालत ऐसी थी कि वह तब भी बच्चे को संभाल नहीं पा रही थी ।
लिविंगस्टोन ने कहा "तो मैं चला गया और कहा कि आपको वास्तव में सोने की ज़रूरत है । कृपया मुझे इस बच्चे को आधे घंटे के लिए अपने पास ले जाने दें ताकि आप अपनी आँखें बंद कर सकें और थोड़ा अच्छा महसूस कर सकें । माँ को समझ नहीं आया कि सिपाही ने अंग्रेजी में क्या कहा था, हालाँकि, वह समझ सकती थी कि वह बच्चे की देखभाल करेगा । उसने सिपाही की ओर देखा जैसे कह रही हो "क्या यह ठीक है ? क्या मैं अब सोने जा सकती हूँ ? क्या मेरा बच्चा तुम्हारे साथ ठीक रहेगा ?" फिर सिपाही ने बच्चे के कानों को ढक दिया और दुबई की यात्रा तक मां आराम से सो गई । सैनिक ने बड़ी सहजता से कहा कि मैंने वही किया , जो मैं कर सकता था । मेरी भी दो बेटियां है और मैं बस मदद कर सकता था ।