मुंबई: चुनाव खत्म होने के बाद पिछले पांच दिनों में चार बार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने पर तंज कसते हुए शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने चुनाव आयोग से आगामी विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा करने की मांग कर डाली ताकि एक बार फिर से कीमतों पर लगाम लग जाए।
चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा कि चुनाव आयोग से अनुरोध है कि कृपया आगामी राज्य चुनावों के कार्यक्रम की तुरंत घोषणा करें। इससे ईंधन की कीमतें स्वचालित रूप से अनियंत्रित होने की जगह नियंत्रित हो जाएंगी और भारतीयों को बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगा। चुनाव = कोई ईंधन मूल्य वृद्धि नहीं।
बता दें कि, पेट्रोल और डीजल की कीमत में शनिवार को 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। तेल कंपनियां कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी का भार उपभोक्ताओं पर डाल रही हैं, जिसके चलते पिछले पांच दिन में चौथी बार कीमत में बढ़ोतरी की गई है।
उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थीं। हालांकि, इस अवधि में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी।
शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी विधानसभा चुनाव के खत्म होने से जुड़ा है। उन्होंने ईंधन की कीमतों में वृद्धि के लिए एक महीने पहले शुरू हुए यूक्रेन-रूस युद्ध का हवाला दिया।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी बढ़ोतरी को सही ठहराते हुए शुक्रवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ गई हैं और यह स्थिति भारत सरकार के नियंत्रण से बाहर है।