आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल 16 फरवरी को रामलीला मैदान में एक भव्य समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। यहां आम जनता को भी आने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट के सभी मंत्री भी केजरीवाल के साथ वहीं शपथ लेंगे। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर हुए चुनाव में आप ने 62 और भाजपा ने आठ सीटें हासिल की हैं। वहीं कांग्रेस का लगातार दूसरी बार खाता नहीं खुला है।
जानें अरविंद केजरीवाल का सफर
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून लागू कराने की दिशा में किए गए प्रयासों को लेकर रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किए गए केजरीवाल उस टीम अन्ना के सदस्य थे, जिसमें देश की पहली आईपीएस अधिकारी एवं पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण शामिल थे।
केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी। वह 1989 में टाटा स्टील में नियुक्त हुए और तीन साल काम करने के बाद उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने के लिए 1992 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इस परीक्षा में सफल होने के बाद वह भारतीय राजस्व अधिकारी (आईआरएस) बन गये। उन्होंने मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी के साथ कोलकाता में भी काम किया।
केजरीवाल ने एक एनजीओ ‘परिवर्तन’ के जरिये लोगों के साथ झुग्गी झोपड़ी में काम किया। उन्होंने फरवरी 2006 में आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त पद से इस्तीफा दे दिया और वह एक पूरी तरह से सामाजिक कार्यकर्ता बन गये। उन्होंने एक अन्य एनजीओ ‘पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन’ की शुरूआत की।
रामलीला मैदान से राष्ट्रीय फलक पर छाए केजरीवाल
अगस्त 2011 में पूरे देश में अन्ना आंदोलन की गूंज सुनाई दे रही थी। उस समय किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल दिल्ली में आंदोलन की पूरी कमान संभाल रहे थे। अरविंद केजरीवाल ने जनलोकपाल बिल के लिए रामलीला मैदान में अन्ना हजारे अनशन के मुख्य रणनीतिकार थे। इसके बाद 2012 में जंतर-मंतर पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बड़ा धरना प्रदर्शन किया। कुछ महीनों बाद ही उन्होंने आम आदमी पार्टी का गठन किया और दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013 में पहली बार चुनावी सफलता हासिल की।