निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड के चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने आज (18 दिसंबर) को पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। अक्षय कुमार सिंह ने 2017 के शीर्ष अदालत के सुनाए गए सजा-ए-मौत के फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ट्विटर पर #NirbhayaCase और #akshaykumarsingh ट्रेंड करने लगा। इन ट्रेंड के साथ अब चारों आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की जा रही है।
हैशटैग #NirbhayaCase के साथ लोग निर्भया की मां के बयान को भी बहुत शेयर कर रहे हैं। निर्भया की मां ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा है कि निर्भया की मां ने कहा, “मैं इससे बहुत खुश हूं। आरोपियों के लिए फांसी का फरमान जारी करने के संबंध में पटियाला हाउस अदालत में एक सुनवाई होनी है और हमें उम्मीद है कि वह फैसला हमारे पक्ष में जाएगा।” निर्भया के पिता ने कहा कि पटियाला हाउस अदालत से ‘डेथ वारंट’ जारी होने तक वह संतुष्ट नहीं होंगे । उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी बहुत दुखदायी यात्रा रही है। उच्चतम न्यायालय ने पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी लेकिन पटियाला हाउस अदालत द्वारा डेथ वारंट जारी किए जाने तक हम खुश नहीं होंगे। समूचा देश आरोपियों के लिए फांसी चाहता है । ’’
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वहीं कुछ यूजर आरोपियों के वकील की भी आलोचना कर रहे हैं।
डेट वारंट याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट की ओर से अक्षय कुमार की पुनर्विचार याचिका खारिज किए जाने के बाद अब दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया की मां की अर्जी पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि जब तक दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास से खारिज नहीं हो जाती है, तब तक डेथ वारंट जारी नहीं किया जा सकता है। इसके बाद अदालत ने सुनवाई को 7 जनवरी तक के लिए टाल दिया गया है।
जानें निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड के बारे में
साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में 23 वर्षीय निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। आरोपियों ने पीड़िता के साथ ना सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसे बेहद चोटें भी पहुंचाई थी। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शान्तिपूर्ण प्रदर्शन हुए। इस केस में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिसमें से 11 मार्च 2013 को राम सिंह नामक मुख्य आरोपी ने सुबह तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया । इसके अलावा बाकी चारों आरोपी अक्षय कुमार सिंह, विनय शर्मा, मुकेश और पवन गुप्ता चारों ही तिहाड़ जेल में बंद हैं। इन चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।