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तृणमूल ने गुवाहाटी में घेरा रैडिसन होटल, जानिए क्या है मामला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 23, 2022 02:11 PM2022-06-23T14:11:20+5:302022-06-23T14:14:08+5:30

महाराष्ट्र की सियासत का खेल केवल मुंबई में नहीं खेला जा रहा है। ये खेल दिल्ली होते हुए उस सूबे तक जाता है, जहां लोग बाढ़ से बहाल हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं असम की। शिवसेना के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले एकनाथ शिंदे गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में बागियों का महफील जमाए बैठें हैं।

महाराष्ट्र विधानपरिषद चुनाव में क्रास वोटिंग करने के बाद शिंदे ने गुजरात के सूरत में अपनी बैठकी जमाई, लेकिन चूंकि गुजरात महाराष्ट्र से सटा है और बीते 48 घंटों में पूरे देश ने देखा कि उद्धव ठाकरे के वफादार कुछ विधायक बागी शिदें के चंगुल से या कहें कि भाजपा के गिरफ्त से निकल कर हांफते-दौड़ते महाराष्ट्र की सरहद में दाखिल हो गये।

जिससे भाजपा को यह समझते देर नहीं लगी कि सूरत में शिवसेना के विधायकों को रखना खतरे से खाली नहीं है, इसलिए मंगलवार की रात सभी बागियों को चार्टड प्लेन में भरकर असम की ओर पार्सल कर दिया गया, संदेश साफ था कि अब असम की सराकार इन विधायकों की सुरक्षा करेगी और ये बागी विधायक दौड़ने-भागने की जुगत भी नहीं लगा पाएंगे।

लेकिन आज असम सरकार के सामने उस समय परेशानी खड़ी हो गई, जब बंगाल में शासन करने वाली तृणमूल कांग्रेस के असम के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल पर धावा बोल दिया और हेमंत विश्व शर्मा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे।

दरअसल तृणमूल कार्यकर्ता आरोप लगा रहे थे कि असम बाढ़ में बह रहा है और भाजपा के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनवाने के लिए बागी शिवसैनिकों की आव-भगत में लगे हुए हैं।

होटल रैडिसन ब्लू के सामने धरना दे रहे तृणमूल कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन को देखते हुए असम पुलिस के हाथ-पैर फूल गये और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को फौरन हिरासत में ले लिया।

पुलिस द्वारा बसों में ठूंसे जा रहे कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि असम में लाखों लोग बाढ़ के कारण पीड़ित हैं लेकिन सीएम महाराष्ट्र में उद्धव सरकार को गिराने में व्यस्त हैं।

अब प्रश्न उठता है कि तृणमूल कार्यकर्ता वाकई बाढ़ के कारण होटल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं या फिर इसकी चाभी कोलकाता से कसी गई है। कथित तौर पर कयास लगाये जा रहे हैं कि एनसीपी के इशारे पर कोलकाता से यह फरमान जारी हुआ है और यही कारण है कि तृणमूल कार्यकर्ता भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए होटल पर पहुंचे थे।

वहीं अगर असम बाढ़ के बारे में बात करें तो स्थिति वाकई भयावह है। ब्रह्मपुत्र, बराक और उनकी सहायक नदियां पूरे उफान पर हैं, जिसके कारण असम में बाढ़ की विकलाल स्थिति पैदा हो गई है। अनुमान के मुताबिक इस बाढ़ के कारण लगभग 55 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

असम सरकार की ओर से जारी की गई सूचना के मुताबिक करीब 32 जिलों के 4 हजार 941 गांव बाढ़ के कारण बुरी तरह से प्रभावित हैं। इस साल की बाढ़ में अब तक 89 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं अकेले बुधवार को करीब 12 लोगों को जान गंवानी पड़ी। बाढ़ में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए भुवनेश्वर से एनडीआरएफ के जवान असम भेजे गये हैं। इसके अलावा सेना भी बाढ़ पीड़ितों को तक सहायता पहुंचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है।

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