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MeToo: Priya Ramani acquitted in MJ Akbar defamation case|फैसले पर प्रिया रमानी ने क्या कहा? प्रिया रमानी| एमजे अकबर

By गुणातीत ओझा | Updated: February 18, 2021 21:23 IST

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#MeTooकोर्ट के फैसले पर प्रिया रमानी ने क्या कहा?मीटू मामले में पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की शिकायत के मामले में दिल्ली की कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है। कोर्ट ने रमानी को आरोप से बरी कर दिया है। अदालत ने रमानी के खिलाफ अकबर की ओर से दाखिल मानहानि मुकदमे को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि महिलाओं को अधिकार है कि वह घटना के एक दशक बाद भी उचित मंच पर शिकायत कर सकें। कोर्ट के इस फैसले को एमजे अकबर के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, अकबर कोर्ट के इस आदेश के चुनौती दे सकते हैं।रमानी ने अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिसे लेकर उन्होंने (अकबर ने) उनके खिलाफ 15 अक्टूबर 2018 को आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार ने अकबर और रमानी के वकीलों की दलीलें पूरी होने के बाद एक फरवरी को अपना फैसला 10 फरवरी के लिए सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने 10 फरवरी को फैसला 17 फरवरी के लिए यह कहते हुए टाल दिया था कि दोनों ही पक्षों ने विलंब से अपनी लिखित दलील सौंपी हैं, इसलिए फैसला पूरी तरह से नहीं लिखा जा सका है। प्रिया रमानी ने 2018 में सोशल मीडिया पर चले 'मीटू कैम्पेन' के तहत अकबर के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे। हालांकि, अकबर ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। अकबर ने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।कोर्ट के इस फैसले पर प्रिया रमानी ने कहा.. यौन उत्पीड़न पर ध्यान दिया गया जिसकी आवश्यकता थी। इस तथ्य के बावजूद कि मैं इस केस में विक्टिम हूं और मैं ही कोर्ट में आरोपी के रूप में खड़ी थी। मैं उन सभी लोगों का धन्यवाद देती हूं जो मेरे लिए ताकत बनकर खड़े रहे। मैं अपनी वकील रेबेका जॉन और उनकी टीम को भी धन्यवाद देती हूं जिन्होंने इस केस में जी-जान लगा दी। साथ ही मैं कोर्ट का धन्यवाद करती हूं इस फैसले के लिए। इसके साथ ही प्रिया रमानी ने ट्वीट कर कहा कि मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं। यौन उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने वाली महिलाओं को यह फैसला समर्पित है। यौन उत्पीड़न के मामलों पर ध्यान दिया जाना चाहिए और उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।क्या है मीटू अभियान अक्टूबर 2017 में वैश्विक स्तर पर यौन उत्पीड़न और यौन हमले के खिलाफ मीटू-हैशटैग के साथ अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत एलिसा मिलानो नामक अभिनेत्री ने हॉलीवुड के फिल्म निर्माता हार्वी वाइंस्टाइन के खिलाफ सबसे पहले अपनी बात कही थी।
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