#MeToo: प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि केस खारिज, एमजे अकबर के लिए झटका
By विनीत कुमार | Published: February 17, 2021 03:26 PM2021-02-17T15:26:37+5:302021-02-17T16:00:08+5:30
साल 2018 में #MeToo अभियान के दौरान प्रिया रमानी ने एम. जे. अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। बाद में एमजे अकबर को केंद्रीय मंत्री के पद से तब इस्तीफा देना पड़ा था।
प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि केस में एमजे अकबर को झटका मिला है। दिल्ली की राउज रेवेन्यू कोर्ट ने एमजे अकबर की ओर से दायर केस को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही प्रिया रमानी इस केस में बरी हो गई हैं।कोर्ट ने कहा कि एक महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत रखने का अधिकार है।
इससे पहले अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रविन्द्र कुमार ने अकबर और रमानी की दलीलें पूरी होने के बाद मामले में फैसला एक फरवरी को सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट की ओर से फैसला 10 फरवरी को आना था। हालांकि, बाद में इसे 17 फरवरी के लिए टाल दिया गया था।
कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, 'आप मौजूदा केस से बरी की जाती हैं।' आदेश पढ़ते हुए कोर्ट की ओर से कहा गया कि आरोपों के साथ सामाजिक लांछन जुड़े हैं। समाज को यौन शोषण की पीड़िताओं पर पड़ने वाले प्रभाव को जरूर समझना चाहिए। एक महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायतों को रखना का अधिकार है।'
MJ Akbar defamation case against journalist Priya Ramani: Woman has right to put her grievance even after decades, says Delhi Court
— ANI (@ANI) February 17, 2021
कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा, 'यौन शोषण आपके सम्मान और आत्मविश्वास को छीन लेता है। सामाजिक प्रतिष्ठा के अधिकार की सुरक्षा किसी की गरिमा की कीमत पर नहीं की जा सकती है।' कोर्ट ने ये भी कहा कि सामाजिक प्रतिष्ठा वाला शख्स भी यौन शोषण कर सकता है।
दरअसल 2018 में 'मीटू मुहिम' के दौरान रमानी ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। अकबर ने 15 अक्टूबर, 2018 को रमानी के खिलाफ उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उस समय अकबर केंद्र में मंत्री थे। विवाद गहराने के बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा भी दे दिया था।