पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर की पुस्तक में दावा, 'महात्मा गांधी 15 अगस्त 1947 पाकिस्तान में बिताना चाहते थे'

By भाषा | Published: January 20, 2020 01:36 PM2020-01-20T13:36:13+5:302020-01-20T13:36:13+5:30

पुस्तक में लिखा है कि जिन्ना एक राजनीतिक मुस्लिम थे जो इस्लाम के नाम पर उप महाद्वीप को बांटने पर दृढ़ थे।

Former Union Minister MJ Akbar book claims, Mahatma Gandhi wanted to spend 15 August 1947 in Pakistan | पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर की पुस्तक में दावा, 'महात्मा गांधी 15 अगस्त 1947 पाकिस्तान में बिताना चाहते थे'

पूर्व केंद्रीय मंत्री की पुस्तक में दावा, महात्मा गांधी 15 अगस्त 1947 पाकिस्तान में बिताना चाहते थे

महात्मा गांधी 15 अगस्त 1947, स्वतंत्रता का पहला दिन भारत की बजाय अलग देश बने पाकिस्तान में बिताना चाहते थे। यह दावा पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर की एक पुस्तक में किया गया है। लेखक ने अपनी पुस्तक ‘‘गांधीज हिंदुइज्म: द स्ट्रगल अगेंस्ट जिन्नाज इस्लाम’’ में लिखा है कि हालांकि यह उस देश के लिए न तो प्रतीक और न ही समर्थन का भाव के लिए था जो बहुआस्था वाले भारत से अलग होकर बना था।

उन्होंने कहा, ‘‘गांधी यह यात्रा इसलिए करना चाहते थे क्योंकि उन्हें भारत के विभाजन और मनमाने ढंग से नयी, ‘अप्राकृतिक’ सीमाएं बनाये जाने में विश्वास नहीं था, जिसे उन्होंने क्षणमात्र का पागलपन बताया था।’’ इस पुस्तक में उन लोगों की विचारधारा एवं व्यक्तित्व का विश्लेषण किया गया है जिन्होंने क्षेत्र के भाग्य को स्वरूप दिया।

इसमें 1940 से 1947 के बीच के सात वर्षों के दौरान राजनीति को प्रभावित करने वाली गलतियों की व्याख्या भी की गई है। इसमें कहा गया है कि एक धर्मपरायण हिंदू गांधी का मानना था कि आस्था भारत की सभ्यतागत सद्भाव का पोषण कर सकती है जो वह भूमि थी जहां प्रत्येक धर्म फला फूला।

पुस्तक में लिखा है कि जिन्ना एक राजनीतिक मुस्लिम थे जो इस्लाम के नाम पर उप महाद्वीप को बांटने पर दृढ़ थे। लेखक के अनुसार स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद गांधी की तात्कालिक चिंता बंटवारे के असली पीड़ितों अल्पसंख्यकों...पाकिस्तान में हिंदुओं और भारत में मुस्लिमों...के भाग्य को लेकर थी।

‘ब्लूम्सबरी इंडिया’ द्वारा प्रकाशित की गई इस पुस्तक में अकबर लिखते हैं, ‘‘वह पूर्वी पाकिस्तान के नोआखली में जाना चाहते थे जहां 1946 के दंगों में हिंदू बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। वह ऐसा इसलिए करना चाहते थे ताकि वह इसकी पुनरावृत्ति रोक सकें।

पुस्तक में लिखा है कि 31 मई 1947 को गांधी ने प्रठान नेता अब्दुल गफ्फार खान से कहा कि वह नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर की यात्रा करना चाहते हैं और स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान में रहना चाहते हैं। गांधी के हवाले से पुस्तक में लिखा है, ‘‘...मैं देश के इन बंटवारे में विश्वास नहीं करता। मैं किसी की अनुमति नहीं लूंगा। यदि वे मेरी अवज्ञा के लिए मार देंगे, मैं मुस्कुराहट के साथ मौत स्वीकार कर लूंगा। यह कि यदि पाकिस्तान अस्तित्व में आता है, मेरा इरादा वहां जाने, दौरा करने और वहां रहने और यह देखने का है कि वे मेरे साथ क्या करते हैं।’’

Web Title: Former Union Minister MJ Akbar book claims, Mahatma Gandhi wanted to spend 15 August 1947 in Pakistan

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