googleNewsNext

तल्ख हुई महाराष्ट्र की राजनीति, उद्धव ठाकरे करेंगे बागियों से हिसाब चुकता

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 25, 2022 06:27 PM2022-06-25T18:27:36+5:302022-06-25T18:29:03+5:30

महाराष्ट्र की राजनीति में चल रही तूतू-मैमै अब कड़वाट में बदलती जा रही है। शिवेसना में हुई ऐतिहासिक बगावत का मिजाज अब तल्ख होता जा रहा है। दोनों गुट के बयानवीर नेता एर-दूसरे को हाशिये पह धकेलने में लगे हुए हैं। एक ओर शिवसेना ने बागियों के खिलाफ मंथन करने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई तो वहीं दूसरी ओर शिंदे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। 

अगर बात करें तो शिवसेना की ओर से हमले की अगुवाई कर रहे सांसद संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर जबरदस्त हमला बोलते हुए कहा कि हम उनके और साथ में गये बागी विधायकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

राउत ने कहा कि ठाकरे को धोखा देने वाले भला किस मुह से बाला साहब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। बाला साहेब का नाम राजनीति के लिए नहीं है। वे सभी शिवसैनिकों के हमारे पितामह के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकते। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी से गद्दारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इसके लिए सीएम उद्धव ठाकरे के पास सारे अधिकार हैं।

इसके साथ ही राउत ने यह भी कहा कि शिवसेना इस विवाद को लेकर जल्द ही चुनाव आयोग जाएगी, जिसमें वो आयोग से मांग करेगी कि विरोधी शिंदे गुट पर रोक लगाई जाए कि वो बालासाहब के नाम इस्तेमाल न कर सके।

शिवसेना का पेंच अब और बी उलझचा जा रहा है। शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे को पटखनी देने के लिए अपनी नई पार्टी के नाम का ऐलान करते हुए कहा कि हम बाला साहेब के सच्चे सिपाही हैं, इसलिए हमारी नई पार्टी का नाम 'शिवसेना बालासाहब' होगा।

इसके अलावा शिंदे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिदें गुट ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नरहरि जिरवाल उद्धव कैंप का पक्ष ले रहे हैं। दरअसल शिंदे ग्रुप यह आरोप इसलिए लगा रहा है जिरवाल ने एकतरफा फैसला लेते हुए बागी खेमे के 16 विधायकों के खिलाफ विधानसभा की सदस्यता रद्द किये जाने को लेकर नोटिस जारी किया है और सभी विधायकों से 27 जून तक लिखित रूप में जवाब देने के लिए कहा है।

इसी बात पर नाराज शिंदे गुट कह रहा है कि दो-तिहाई से ज्यादा बहुमत हमारे पास है, ऐसे में डिप्टी स्पीकर भला किस तरह से विधायकों को अयोग्य ठहराने का नोटिस जारी कर सकते हैं। इसके अलावा डिप्टी स्पीकर द्वारा अविश्वास प्रस्ताव खारिज किये जाने के कारण भी शिंदे गुट में नाराजगी है। यही कारण है कि शिंदे गुट भी गुवाहाटी के रेडिशन ब्लू होटल में बैठक कर रहा है।

वहीं महाराष्ट्र में शिवसैनिकों द्वारा की जा रही हिंसा को महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने सामान्य करार दिया है। अघाड़ी गुट के कांग्रेसी नेता अशोक चव्हाण ने कहा, 'महाविकास अघाड़ी किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करती है। हमारे यहां कोई हिंसा नहीं हो रही है, यह तो वफादार शिवसैनिकों के बीच नाराजगी है, जो गद्दारी करने वाले शिवसेना के विधायकों के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। पूरे महाराष्ट्र में कानून और व्यवस्था की सामान्य है और अघाड़ी गठबंधन हालात पर नजर बनाये हुए हैं।

टॅग्स :एकनाथ शिंदेउद्धव ठाकरेशिव सेनाचुनाव आयोगEknath ShindeUddhav ThackerayShiv Senaelection commission