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Lalu Yadav को Jharkhand High Court से राहत नहीं, जानें कोर्ट ने क्यों खारिज की जमानत अर्जी|Dumka|Bihar

By गुणातीत ओझा | Published: February 19, 2021 09:40 PM2021-02-19T21:40:04+5:302021-02-19T21:40:42+5:30

राजद (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को एक बार फिर कोर्ट से मायूसी हाथ लगी है। हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है।

लालू की जमानत खारिज कर कोर्ट ने क्या कहा?

राजद (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को एक बार फिर कोर्ट से मायूसी हाथ लगी है। हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है। दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में निचली अदालत ने लालू को सात साल की सजा सुनाई थी। खराब तबीयत और सजा की आधी अवधि पूरी कर लेने के आधार पर लालू प्रसाद यादव की तरफ से कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की गई थी। अदालत ने लालू प्रसाद यादव को जमानत देने से इंकार करते हुए कहा कि अभी आधी सजा में 50 दिन कम हैं।

वहीं, सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के दावे को गलत बताया है। बता दें कि चारा घोटाले से संबंधित अन्य मामलों में लालू को पहले ही जमानत मिल चुकी है। केवल दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में मिली सजा के कारण वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। न्यायिक हिरासत में ही लालू का इलाज दिल्ली के एम्स में चल रहा है। लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार की सुबह बहस शुरू हुई तो उनके तरफ से वकील कपिल सिब्‍बल ने कोर्ट में आधी सजा काटने संबंधी दस्‍तावेज जमा किए। इसके बाद सीबीआई ने लालू की सजा की आधी अवधि दो माह सात दिन कम होने के दावे के पक्ष में दलील और दस्‍तावेज दिये।  

लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार वालों को पूरी उम्मीद थी कि कोर्ट की तरफ से आज जमानत याचिका मंजूर हो जाएगी। कोर्ट के फैसले से पहले तेजस्वी ने कहा था कि आज हाईकोर्ट से पिता लालू प्रसाद को जमानत मिलने की पूरी उम्‍मीद है। लालू प्रसाद का फिलहाल दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा है। इस दौरान रिम्स की ओर से लालू प्रसाद को एम्स भेजने के लिए बनी मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पेश करने का कोर्ट ने आदेश दिया था। बताया गया था कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर लालू प्रसाद को बेहतर इलाज के लिए एम्स भेजा गया है। इसके लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया था, लेकिन कोर्ट में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई थी। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए रिम्स निदेशक को शोकॉज नोटिस भी जारी किया था।

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