Lok Sabha Elections 2024: 'मोदी बनाम राहुल' में तेज हुआ सियायी संग्राम, दूसरे चरण के मतदान के लिए लोग पहुंच रहे हैं पोलिंग बूथ पर
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 26, 2024 09:01 AM2024-04-26T09:01:46+5:302024-04-26T09:06:56+5:30
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के बीच आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर शुरू हई आमने-सामने की लड़ाई के कारण चुनावी अभियान ने बेहद रोचक मोड़ ले लिया है।
नई दिल्ली: भारत में दुनिया के सबसे बड़े चुनाव के दूसरे चरण के लिए शुक्रवार को मतदान शुरू हो गया। इस चरण के मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्ष के बीच आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर आमने-सामने की लड़ाई के कारण चुनावी अभियान ने बेहद रोचक मोड़ ले लिया है।
लगभग एक अरब लोग सात चरण के आम चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं, जो 19 अप्रैल को शुरू हुआ और 1 जून को समाप्त होगा। आम चुनाव संपन्न होने के बाद वोटों की गिनती 4 जून को होगी।
इस चुनाव में नरेंद्र मोदी अपने आर्थिक रिकॉर्ड, कल्याणकारी उपायों, राष्ट्रीय गौरव, हिंदू राष्ट्रवाद और व्यक्तिगत लोकप्रियता के दम पर लगातार तीसरी बार रिकॉर्ड सत्ता साहिल करने का प्रयास कर रहे हैं और कई सर्वेक्षणों से पता चलता है कि वह आसानी से बहुमत हासिल कर लेंगे।
हालांकि उन्हें कड़ी चुनौती देने के लिए विपक्ष के दो दर्जन से अधिक दलों का इंडिया गठबंधन बनाया है और वे आर्थिक स्थिति, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को उछालकर नरेंद्र मोदी के सामने भारी चुनौती पेश कर रहे हैं।
शुक्रवार को संसद के निचले सदन की कुल 543 सीटों में से 88 सीटों के लिए मतदान होगा, जिसमें 160 मिलियन लोग मतदान करने के पात्र हैं। यह दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होगा।
दूसरे चरण के लिए 88 सीटों में से आधे से अधिक सीटें दक्षिणी राज्यों केरल और कर्नाटक और उत्तर-पश्चिमी राज्य राजस्थान में हैं।
पहले चरण से ही अभियान का रुख बदल गया है और नरेंद्र मोदी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी सांप्रदायिक मुद्दों पर आमने-सामने हैं। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर अल्पसंख्यक मुसलमानों का पक्ष लेने, सकारात्मक कार्रवाई को कमजोर करने और विरासत कर लगाने की योजना बनाने का आरोप लगाया है।
पीएम मोदी ने गुरुवार देर रात एक्स पर पोस्ट किया, "संविधान के नाम पर शोर मचाने वाली कांग्रेस अब अपने छिपे हुए एजेंडे के लिए बुरी तरह बेनकाब हो गई है।"
कांग्रेस ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि मोदी बेरोजगारी, महंगाई और ग्रामीण संकट जैसे वास्तविक मुद्दों से मतदाताओं का ध्यान भटका रहे हैं और उन्हें हारने का डर है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मतदान की पूर्व संध्या पर एक वीडियो संदेश में कहा, "हमने आपसे बात की, हमने आपके मन की बात सुनी और एक क्रांतिकारी घोषणापत्र तैयार किया है। यह कांग्रेस पार्टी द्वारा तैयार किया गया है लेकिन यह आपकी आवाज़ है।"
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी का चेहरा गांधी शुक्रवार को मैदान में उतरे 1200 उम्मीदवारों में शामिल हैं। राहुल गांधी खुद केरल के वायनाड से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं और वहाीं पर उनका मुकाबला भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की एनी राजा और भाजपा के के. सुरेंद्रन सहित अन्य से है।
साल 2019 के चुनाव में राहुल गांधी ने सीपीआई उम्मीदवार को 400,000 से अधिक वोटों से हराया था, जो केरल में सबसे अधिक अंतर था। हालांकि वह उत्तर भारत में पारिवारिक गढ़ अमेठी में भाजपा से अपनी दूसरी सीट हार गए थे। भारत की चुनावी प्रणाली में एक उम्मीदवार को एक से अधिक सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति है लेकिन यदि वे अधिक सीट से जीतते हैं तो उस सूरत में उन्हें एक सीट बरकरार रखते हुए दूसरे को छोड़ना पड़ता है।
2014 में भाजपा द्वारा सत्ता से बाहर कर दिए जाने पर कांग्रेस ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गई और 2019 में उसने दूसरी सबसे कम 52 सीटें जीतीं, जिसमें केरल का योगदान सबसे अधिक 15 था।
कांग्रेस को इस चुनाव में कर्नाटक में भी बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है, जहां उसने 2019 में 28 सीटों में से सिर्फ एक सीट जीती थी, लेकिन कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में ताकत हासिल की और भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया।
चुनाव आयोग और राजनीतिक दल देश के कुछ हिस्सों में गर्मी और शादी के मौसम के कारण मतदान प्रतिशत को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि पहले चरण में मतदान 2019 में लगभग 70 प्रतिशत से गिरकर लगभग 65 प्रतिशत हो गया है।