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क्या इस वजह से कपिल ने शाहीन बाग में फायरिंग की थी ?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 2, 2020 06:44 PM2020-02-02T18:44:22+5:302020-02-02T18:45:00+5:30

जो लड़का कपिल गुर्जर कल शाहीन बाग में तमंचा लहराते हुए सिर्फ हिदू राज के नारे लगा रहा था उसके पिता गजे सिंह कहते है कि घटना के बाद से मैं उससे अब तक नहीं मिला..कल जब मैंने उसे छोड़ा था उसके बाद से मुझे कोई खबर नहीं हैं..कुछ देर बाद मैंने उसे टीवी पर ही देखा ..कपिल के पिता कहते हैं कि मुझे नहीं पता उसने ऐसा कदम क्यों उठाया..

तो आखिर दिल्ली के दल्लूपुरा में रहने वाले कपिल को शाहीन में धरने प्रदर्शन से क्या दिक्कत थी..कपिल गुज्जर के परिवार के लोगों का कहना है कि कपिल कट्टरपंथी नहीं है बल्कि एक आम  लड़का है ..परिवार का कहना है कि कपिल को शाहीन बाग में प्रदर्शन के चलते सड़क बंद रहने से कारण ज्यादा चलना पड़ता था.. कपिल ने सीएए विरोध का केंद्र बने शाहीन बाग में हवा में दो गोलियां चलाई हालांकि, इसमें कोई घायल नहीं हुआ..कपिल गुज्जर दिल्ली यूपी बॉर्डर पर दल्लूपुरा गांव में डेयरी का बिजनेस करता है.. शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन के चलते दक्षिण दिल्ली को शाहीन बाग से जोड़ने वाला रास्ता एक महीने से भी अधिक समय से बंद है..25 साल के कपिल के चाचा फतेह सिंह का कहना है कि आम दिनों में बदरपुर डेयरी पहुंचने में दो घंटे लगते हैं जिसके लिए कपिल को 10 किलोमीटर सफर करना पड़ता था..लेकिन प्रदर्शन के चलते उसे 35 किलोमीटर चलना पड़ रहा था..परिवार का दावा है कि कपिल इसकी वजहा से एक बजे रात को घर पहुंचता था..परिवार का दावा है कि कपिल इससे आजिज आ गया था लेकिन इतना भी नहीं कि वह कुछ ऐसा कर जाता.. कपिल के चाचा कहते हैं कि हमारे परिवार की दल्लूपुरा में एक छोटी और बदरपुर में एक बड़ी डेयरी है और कालिंदीकुंज में रोड नंबर 13 के बंद रहने से धंधा प्रभावित हो रहा था.. परिवार ने एक और दावा कि कि कपिल कपिल रिपोर्टर बनना चाहता था..लेकिन उसने बीच में ही कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी और डेयरी के धंधे में लग गया.. कपिल ने वसंधुरा के एक स्थानीय स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने दिल्ली के आईएमएस कॉलेज में मीडिया कोर्स के लिए दाखिला लिया था.

नागरिकता कानून के खिलाफ कुछ लोग नोएडा को कालिंदी कुंज से जोड़ने वाली सड़क से बैरिकेड्स हटाने की मांग को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे हैं.. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सीएए के खिलाफ एक महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे लोगों को जगह खाली कर देनी चाहिए क्योंकि यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

 

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