googleNewsNext

India China Border Tension: चीन का कबूलनामा- Galwan Valley की हिंसक झड़प में मारे गए थे उनके सैनिक!

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: February 19, 2021 11:16 AM2021-02-19T11:16:21+5:302021-02-19T11:17:27+5:30

चीन ने पहली बार आधिकारिक तौर से माना कि पिछले साल जून में पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सेना के साथ हुई हिंसा में उनके पाँच अफ़सर और सैनिक मारे गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) ने शुक्रवार को इन सभी सैनिकों को बहादुरी पदक से नवाजा. हालांकि, भारत और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया एजेंसियों का मानना है कि इस हिंसा में चीन के 45 सैनिक मारे गए थे. इससे पहले चीन ने अपने सैनिकों की मौत को लेकर चुप्पी साध रखी थी


वही ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के आधिकारिक अख़बार PLA डेली की खबर के मुताबिक़ बताया की चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ने शुक्रवार को उन्हे फ़र्स्ट क्लास मेरिट साइटेशन और मानद उपाधि से नवाज़ा है.  खबर के मुताबिक़  पीएलए आर्मी के शहीद चेन होंगजुन (बटालियन कमांडर) को 'हीरो' की उपाधि दी गई है तो वहीं तीन अन्य शहीद सैनिक चेन जियानगॉन्ग, जिओ सियुआन और वांग जुओरन को फ़र्स्ट क्लास मेरिट साइटेशन दिया गया है. चीन के जवानों का नेतृत्व करने वाले एक कर्नल, क्यू फेबाओ (रेजीमेंटल कमांडर) जोko  'हीरो कर्नल' की उपाधि से सम्मानित किया गया है.

 

रूस की न्यूज एजेंसी तास ने दावा किया है कि पिछले साल भारत-चीन सेनाओं के बीच गतिरोध कम करने के प्रयासों के दौरान पूर्वी लद्दाख के गलवान में दोनों सेनाओं के बीच चले खूनी संघर्ष में चीन के करीब 45 सैनिक मारे गए थे.

 

 वहीं इस हिन्सल झड़प में भारतीय सेना के एक कमांडिग अधिकारी (कर्नल) समेत 20 जवान शहीद हुए थे. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले साल 15 जून को हुए संघर्ष को भारत-चीन सीमा पर पिछले चार दशकों में सबसे गंभीर संघर्ष बताया गया है.

 

आपको बता दें गलवान घाटी की हिंसा में भारतीय‌ सेना के कुल 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे, उनमें से छह को वीरता मेडल से नवाजा गया था. कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र और पांच अन्य सैनिकों (चार मरणोपरांत) को वीर चक्र दिया गया था. गौरतलब है कि नौ महीने के टकराव के बाद भारत और चीन पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर डिसइंगेजमेंट के लिए तैयार हो गए हैं और दोनों देशों की सेनाओं ने फ्रंटलाइन से पीछे हटना शुरू कर दिया है.

टॅग्स :चीनलद्दाखChinaLadakh