बिहार हत्याकांडखूनी होली ! 5 हत्याअबीर-गुलाल की जगह गोलियों की बौछार80-90 के दशक में होली के दिन पुरानी रंजिश में खून बहने की वारदात या गैंगवार की घटनाएं सुनने में आ जाती थी। गुजरते वक्त के साथ-साथ होली पर दुश्मनी निभाने की ये खौफनाक 'रवायत' लगभग खत्म सी हो गई थी। लेकिन बिहार में इस साल होली पर जो हुआ वो हमें बीते जमाने की याद दिलाता है। जब अपराधियों को पुलिस का आश्रय प्राप्त होता था और वे ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देते थे। तब हत्या.. नरसंहार बिहार के लिए आम बात होती थी। हम बात कर रहे हैं बिहार के मधुबनी में आने वाले बेनीपट्टी गांव में हुए नरसंहार की। इस हत्याकांड ने बिहार के पुलिसिया तंत्र की पोल खोल दी है। बिहार के लोगों की सुरक्षा को लेकर सरकार कठघरे में है। इस हत्याकांड पर विपक्ष की सियासत भी तेज हो गई है। पांच लोगों की हत्या का मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ने लगा है। विपक्ष तो कानून व्यवस्था का सवाल उठा ही रहा है..., सरकार में शामिल भाजपा के मंत्री और विधायक भी इस मुद्दे को लेकर तल्ख हो रहे हैं।