तमिलनाडु, दक्षिण भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है। देश के विकास व राजनैतिक दृष्टि से भी यह राज्य हमेशा देश के लिए बेहद अहम रहा है। ऐतिहासिक दृष्टि से तमिलनाडु भारत का सबसे अग्रणी राज्य है। यही एक ऐसा राज्य जो कभी उजड़ा नहीं, प्रागैतिहासिक काल से ही यहां जो लोग बसे, उन्हीं की पीढ़ियां यहां जमी रहीं। अपनी धरती छोड़कर यहां लोग भागे नहीं। यह राजा-महाराजाओं की धरती रही। गुलामी के दिनों में भी इस राज्य में वैसा अंग्रेजों का वैसा प्रभाव नहीं था, जैसा दिल्ली-कोलकाता सरीखे शहरों पर था। जबकि तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई भारत के प्रमुख महानगरों में से एक है। चेन्नई के अलावा मदुरै, कोयम्बटूर, सेलम, तिरूनेलवेली सरीखे शहर इस राज्य में स्थित हैं। इसके पड़ोसी राज्य आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल हैं। तमिलनाडु में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा तमिल है। तमिलनाडु के वर्तमान मुख्यमंत्री एडाप्पडी पलानिस्वामी और राज्यपाल विद्यासागर राव हैं। Read More
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा हाल ही में देश में एक भाषा की पैरवी किए जाने की पृष्ठभूमि में चिदंबरम ने यह बयान दिया है। हालांकि, हिंदी पर अपने बयान से उठे विवाद को शांत करने का प्रयास करते हुए शाह ने बुधवार को कहा कि उन्होंने देश में कहीं भी हिंदी थोपने ...
रजनीकांत ने कहा, सिर्फ तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि दक्षिणी राज्यों में से कोई भी हिंदी लागू नहीं करेगा। हिंदी ही नहीं, कोई भी भाषा लागू नहीं होनी चाहिए। ...
न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने शीर्ष अदालत के एक अगस्त के फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिका पर सुनवाई करते हुये मनोहरन की मौत की सजा के अमल पर रोक लगायी। ...
स्टालिन ने कहा कि न सिर्फ हिंदी के मुद्दे पर बल्कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट), कावेरी मुद्दे, मीथेन, हाइड्रोकार्बन और न्यूट्रिनो निकालने संबंधी परियोजनाओं पर भी तमिलनाडु को धोखा दिया गया है। ...
राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की विरासत को ‘‘धूमिल करने और उसे मिटाने’’ के लिए उन पर कुछ ताकतों द्वारा प्रतिदिन हमले किये जा रहे हैं। यदि उनके विचारों का परित्याग किया गया तो भारत का विचार ही समाप्त हो जा ...
क्या अमित शाह हिंदीभाषी हैं? नहीं हैं. वे ओवैसी, कुमारस्वामी, वाइको और ममता बनर्जी की तरह गैर-हिंदीभाषी हैं. उनकी मातृभाषा हिंदी नहीं, गुजराती है. इसलिए जो आरोप सेठ गोविंददास, डॉ. लोहिया पर पचास-साठ साल पहले लगाए जाते थे, वे अमित शाह पर नहीं लगाए जा ...
सबसे पहले डीएमके प्रमुख स्टालिन ने कहा कि हिंदी से देश की एकता भंग होगी। उन्होंने कहा कि अमित शाह को जल्द बयान वापस लेनी चाहिए। ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहाद उल मुसलमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका विरोध किया। ...