हिन्दी भाषा विवाद: रजनीकांत ने कहा, हिन्दी को थोपा नहीं जाना चाहिए, दक्षिणी राज्यों में से कोई भी हिन्दी लागू नहीं करेगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 18, 2019 01:15 PM2019-09-18T13:15:36+5:302019-09-18T13:15:56+5:30
रजनीकांत ने कहा, सिर्फ तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि दक्षिणी राज्यों में से कोई भी हिंदी लागू नहीं करेगा। हिंदी ही नहीं, कोई भी भाषा लागू नहीं होनी चाहिए।
हिन्दी दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह के ट्वीट को लेकर राजनीति जारी है। अभिनेता से नेता बने रजनीकांत ने कहा है कि हिंदी को थोपा नहीं जाना चाहिए।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार रजनीकांत ने कहा, सिर्फ तमिलनाडु ही नहीं, बल्कि दक्षिणी राज्यों में से कोई भी हिंदी लागू नहीं करेगा। हिंदी ही नहीं, कोई भी भाषा लागू नहीं होनी चाहिए। देश की एकता और प्रगति के लिए एक कॉमन भाषा जरूरी, लेकिन एक भाषा के लिए मजबूर करना स्वीकार्य नहीं है।
डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी 20 सितंबर को पूरे तमिलनाडु में हिन्दी भाषा को लागू करने के विरोध में प्रदर्शन करेगी।
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने केंद्र पर “हिंदी को मनमाने तरीके से थोपने” का आरोप लगाया और ऐसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ विरोध को आगे ले जाने के लिए विपक्षी दलों में एकजुटता होने की जरूरत को रेखांकित किया।
एमडीएमके पार्टी के एक कार्यक्रम में स्टालिन ने यहां कहा कि रेलवे और डाक विभाग की प्रतियोगी परीक्षाओं में तमिल को दरकिनार कर दिया गया।
हिंदी को आम संपर्क की भाषा बनाने की गृहमंत्री अमित शाह की अपील के बाद द्रमुक प्रमुख ने शनिवार को कहा था कि यह नजरिया राष्ट्रीय संप्रभुता के खिलाफ था और मांग की कि इसे वापस लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमें हमारे अधिकार पाने के लिए हर दिन विरोध प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार करने के लिए मजबूर किया गया है।”
किसी शाह, सुल्तान या सम्राट को विविधता में एकता के वादे को नहीं तोड़ना चाहिए-कमल हासन
मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के संस्थापक व दिग्ग्ज अभिनेता कमल हासन ने हिंदी को ‘‘थोपने’’ के किसी भी प्रयास का विरोध करते हुए सोमवार को कहा कि यह दशकों पहले देश से किया गया एक वादा था, जिसे ‘‘किसी शाह, सुल्तान या सम्राट को तोड़ना नहीं चाहिए।’’
उन्होंने एक वीडियो में कहा, ‘‘विविधता में एकता का एक वादा है जिसे हमने तब किया था जब हमने भारत को एक गणतंत्र बनाया था। अब, उस वादे को किसी शाह, सुल्तान या सम्राट को तोड़ना नहीं चाहिए। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारी मातृभाषा हमेशा तमिल रहेगी।’’
‘‘शाह या सुल्तान या सम्राट’’ टिप्पणी में स्पष्ट रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर इशारा किया गया है। गौरतलब है कि शाह ने हिंदी दिवस के मौके पर कहा था कि आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है।