हिंदी पर हंगामाः गृहमंत्री शाह के अपील पर ओवैसी ने कहा- भारत हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व से बड़ा है
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 14, 2019 05:21 PM2019-09-14T17:21:22+5:302019-09-14T17:21:22+5:30
सबसे पहले डीएमके प्रमुख स्टालिन ने कहा कि हिंदी से देश की एकता भंग होगी। उन्होंने कहा कि अमित शाह को जल्द बयान वापस लेनी चाहिए। ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहाद उल मुसलमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका विरोध किया।
देश में 14 सितंबर को हम सभी हिंदी दिवस मनाते है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘‘आज हिंदी दिवस के अवसर पर मैं देश के सभी नागरिकों से अपील करता हूँ कि हम अपनी- अपनी मातृभाषा के प्रयोग को बढ़ाएं और साथ में हिंदी भाषा का भी प्रयोग कर देश की एक भाषा के पूज्य बापू और लौह पुरुष सरदार पटेल के स्वप्न को साकार करने में योगदान दें।’’
हिंदी दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने। इसको लेकर पूरे देश खासकर दक्षिण भारत में हंगामा खड़ा हो गया।
सबसे पहले डीएमके प्रमुख स्टालिन ने कहा कि हिंदी से देश की एकता भंग होगी। उन्होंने कहा कि अमित शाह को जल्द बयान वापस लेनी चाहिए। ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहाद उल मुसलमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका विरोध किया।
उन्होंने कहा कि भारत हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व से कहीं बड़ा है। ओवैसी न कहा कि हिंदी सभी भारतीयों की मातृभाषा नहीं है। क्या आप विभिन्न मातृभाषाओं की विभिन्नता और सुंदरता की तारीफ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 29 सभी भारतीयों को भाषा, लिपि और संस्कृति का अधिकार देता है। शाह ने कहा कि आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है।
Hindi isn't every Indian's "mother tongue". Could you try appreciating the diversity & beauty of the many mother tongues that dot this land? Article 29 gives every Indian the right to a distinct language, script & culture.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 14, 2019
India's much bigger than Hindi, Hindu, Hindutva https://t.co/YMVjNlaYry
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि लोगों को सभी भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान करना चाहिए लेकिन अपनी मातृभाषा की कीमत पर नहीं। बनर्जी का यह बयान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने देश के लिए साझा भाषा की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि यह हिंदी है जो सबसे अधिक बोली जाती है और पूरे देश को एकजुट कर सकती है।
बनर्जी ने हिंदी दिवस के मौके पर लोगों को बधाई देते हुए ट्वीट किया,‘‘हिंदी दिवस पर सभी को मेरी शुभकामनाएं। हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान करना चाहिए। हम कई भाषाएं सीख सकते हैं लेकिन हमें अपनी मातृभाषा कभी भूलनी नहीं चाहिए।’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में हिंदी में शुभकामनाएं भी पोस्ट की।
भाजपा अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को हिंदी दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी। साथ ही शाह ने कहा कि सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी देश को एकता की डोर में बांधने एवं विश्व में भारत की पहचान बनाने का काम कर सकती है।
शाह ने कहा कि आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है। वहीं, हिंदी दिवस पर एक समारोह के संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि देश में विभिन्न भाषाओं, बोलियों और संस्कृतियों का समावेश है। ऐसे में जब राजभाषा का निर्णय करना हो, तो स्वाभाविक है कि मतान्तर होंगे ही। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने समग्र स्थिति का अवलोकन किया और पूरी संविधान सभा ने सर्वानुमत से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया।