मुहूर्त के अनुसार सुबह 6.41 बजे व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पारण किया। उषा अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने प्रसाद बांटकर घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर अपना व्रत खोला। ...
देवउठनी एकादशी के दिन से ही शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु जी सच्चे मन से आराधना करने से वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। ...
आज नहाय-खाय पर सुबह स्नान कर नए वस्त्र पहने जाते हैं। महिलाएं माथे पर सिंदूर लगाकर घर की साफ सफाई करती हैं। छठ के प्रसाद और पकवान को मिट्टी के चूल्हे में तैयार किया जाता है। पकवान में भात कद्दू यानी लौकी की सब्जी बनती है। घर के सभी लोग यही भोजन करते ...
छठ पूजा का व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। यह व्रत 36 घंटों के लिए रखा जाता है। इस अवधि में व्रती को बिना कुछ खाय-पीये रहना पड़ता है। इस पूजा में मन्नत के लिए कुछ लोग जमीन पर बार-बार लेटकर, कष्ट सहते हुए घाट की ओर जाते हैं। ...
इस वर्ष गोवर्धन पूजा के लिए सुबह का शुभ मुहूर्त प्रात: 06 बजकर 36 मिनट से प्रात: 08 बजकर 47 मिनट तक है। तो शाम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 22 मिनट से शाम 05 बजकर 33 मिनट तक का है। ...
हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाई जाती है। इस पर्व की महत्वपूर्ण बात ये है कि आज के दिन सोने-चांदी के आभूषण, पीतल के बर्तन एवं अन्य चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। ...
धनतेरस धन, वैभव और समृद्धि का पर्व है। इसी से ही दिवाली पर्व की शुरूआत हो जाती है। धार्मिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरी और मां लक्ष्मी जी की आराधना विधि-विधान से की जाती है। हिन्द ...