Govardhan Puja 2021: गोवर्धन पूजा के लिए जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

By रुस्तम राणा | Published: November 4, 2021 02:14 PM2021-11-04T14:14:19+5:302021-11-04T14:14:19+5:30

इस वर्ष गोवर्धन पूजा के लिए सुबह का शुभ मुहूर्त प्रात: 06 बजकर 36 मिनट से प्रात: 08 बजकर 47 मिनट तक है। तो शाम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 22 मिनट से शाम 05 बजकर 33 मिनट तक का है।

Govardhan Puja 2021 muhurat, puja vidhi and significance | Govardhan Puja 2021: गोवर्धन पूजा के लिए जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

गोवर्धन पूजा 2021

गोवर्धन पूजा 5 नवंबर, शुक्रवार को है। दिवाली के ठीक बाद इस पर्व को मनाया जाता है। इसे अन्नकूट पर्व भी कहते हैं। हिन्दू धर्म में इस पर्व का खास महत्व है। मान्यता है कि गोवर्धन पर्वत या गिरिराज पर्वत को भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली से ऊपर उठाकर भारी बारिश से बृजवासियों की रक्षा की थी। तभी से गोवर्धन पूजा की जाने लगी। गोवर्धन पूजा सुबह और शाम दो समय की जाती है। सुबह में जहां भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की धूप, फल, फूल, खील-खिलौने, मिष्ठान आदि से पूजा-अर्चना और कथा-आरती करते हैं, तो शाम को इनको अन्नकूट का भोग लगाकर आरती की जाती है। पंचांग के अनुसार कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। मान्‍यता है कि अगर इस दिन पूरे विधि विधान से भगवान गोवर्धन की पूजा की जाए तो भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्‍त होती है।

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष गोवर्धन पूजा के लिए सुबह का शुभ मुहूर्त प्रात: 06 बजकर 36 मिनट से प्रात: 08 बजकर 47 मिनट तक है। तो शाम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 22 मिनट से शाम 05 बजकर 33 मिनट तक का है।

गोर्वधन पूजा की विधि

सबसे पहले गाय के गोबर से चौक और पर्वत बनाएं। 
इसके बाद इसे अच्छी तरह सुंदर फूलों से सजाएं। 
अब रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर रखें और दीप जलाकर भगवान गोवर्धन की पूजा करें। 
जब पूजा संपन्‍न हो जाए तो भगवान गोवर्धन की सात बार परिक्रमा जरूर करें। 
इस दौरान ध्‍यान रखें कि आपके हाथों में जल जरूर होना चाहिए। 
जल को किसी लोटे में लेकर इस तरह परिक्रमा करते रहें कि जल थोड़ा-थोड़ा गिरता जाए। 
गोवर्धन पूजा जब संपन्‍न हो जाए तो अन्‍नकूट का प्रसाद चढ़ाएं। 
इसे घर के सभी लोगों को दें।

गोवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा

मान्यता यह है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। श्रीकृष्‍ण ने इन्‍द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते हैं। कुछ लोग गाय के गोबर से गोवर्धन का पर्वत मनाकर उसे पूजते हैं तो कुछ गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान को जमीन पर बनाते हैं।

Web Title: Govardhan Puja 2021 muhurat, puja vidhi and significance

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