देशभर में इस वर्ष अक्षय तृतीया का पर्व 7 मई को मनाया जा रहा है। 7 मई की सुबह 3 बजकर 17 मिनट पर वैशाख मास की तृतीया तिथि प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगले दिन यानी 8 मई की सुबह 2 बजकर 17 मिनट तक चलेगी। ...
जन्म के समय हनुमान का नाम 'मारुति' रखा गया था। हनुमान बेहद नटखट थे। हनुमान के बचपन से जुड़ी कई बातें 'ब्रह्मांडपुराण' में मिलती हैं। इसके अनुसार भगवान हनुमान के पांच भाई थे। ...
गोस्वामी तुलसीदास जी हनुमान चालीसा के रचियता हैं, वे भी बहुत बड़े रामभक्त थे। वे श्रीराम से मिलना चाहते थे। उन्हें यह मालूम हो गया था कि हनुमान ही उन्हें राम जी से मिलवा सकते हैं। इसलिए उन्होंने हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा की रचना क ...
एक पौराणिक कथा के अनुसार हनुमान जी का सिन्दूर से संबंध माता सीता की वजह से है। पुराणों में वर्णित इस कथा को आधार मानते हुए ही हनुमान पूजा के दौरान सिन्दूर चढ़ाने का रिवाज है। ...
हनुमान जी का जन्म वानर राजा केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ से हुआ था। हनुमान जी को भगवान शिव का रूद्र अवतार माना जाता है। हनुमान जी की पूजा कलयुग में सबसे ज्यादा की जाती है। ...
हिन्दू धर्म में हनुमान जी को भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार के रूप में पूजनीय माना गया है। प्रति वर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का प्रकटोत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष 18 अप्रैल 2019 को चित्रा नक्षत्र से हनुमान जयंती की तिथि का शुभारम्भ हो ...
हनुमान चालीसा में कुल 40 चौपाइयां हैं और अगर इसका मतलब निकाला जाए तो यह एक आम आदमी का जीवन क्रम होता है। माना जाता है कि तुल़सीदास जी ने हनुमान चालीसा की रचना रामचरित मानस के रचना से पहले ही कर दिया था। ऐसा उन्होंने राम जी को पाने के लिए किया था । ...
चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हनुमान का जन्म हुआ था। माता अंजनी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया था। हनुमान जी के पिता का नाम केसरी था इसलिए उन्हें केसरी नंदन के नाम से भी जाना जाता है। ...