हनुमान जयंती: इन स्थितियों में न करें हनुमान जी की पूजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 19, 2019 10:39 AM2019-04-19T10:39:15+5:302019-04-19T10:39:15+5:30
हनुमान जी का जन्म वानर राजा केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ से हुआ था। हनुमान जी को भगवान शिव का रूद्र अवतार माना जाता है। हनुमान जी की पूजा कलयुग में सबसे ज्यादा की जाती है।
आज यानी 19 अप्रैल, दिन शुक्रवार को देशभर में हनुमान जयंती का पर्व मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्म के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस दिन हनुमान जयंती का पर्व पूरे देश भर में मनाया जाता है।
हनुमान जी का जन्म वानर राजा केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ से हुआ था। हनुमान जी को भगवान शिव का रूद्र अवतार माना जाता है। हनुमान जी की पूजा कलयुग में सबसे ज्यादा की जाती है। हनुमान जी की पूजा अर्चना के दौरान कई सारे लोग कुछ चीजों का ध्यान रखना भूल जाते हैं जैसे कपड़ों का ध्यान, स्नान करना आदि। आइए आपको बताते हैं कि हनुमान जी की पूजा किन किन स्थितियों में न करें।
कपड़ों का रखें ध्यान
ज्यादातर लोग स्नान के बाद अंतरवस्त्र में या तौलिया लपेट कर पूजा करना शुरु कर देते हैं लेकिन ऐसा नही करना चाहिए। हनुमान जी की पूजा करते वक्त अपने कपड़ों का खासा ध्यान रखें और हमेशा स्वच्छ कपड़ों में ही हनुमान जी की पूजा करें।
स्नान करना न भूलें
किसी भी भगवान की पूजा बिना स्नान किए नहीं करनी चाहिए और हनुमान जी की तो खास तौर पर। धर्म ग्रंथों में भी ऐसा उल्लेख है कि बिना स्नान किए भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए ।
मुख के शुद्धि का रखें ध्यान
कुछ भी खाने के बाद पानी जरुर पिना चाहिए इससे मुह साफ रहता है। और ऐसा किए बिना हनुमान जी की पूजा नही करनी चाहिए इससे हनुमान जी रुष्ठ हो सकते हैं. उनकी पूजा करते वक्त शरिर के साफ सफाई का खास ध्यान रखें ।
सूतक के दौरान
जब परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए तो उस दिन से 13 दिन के समय को सूतक कहते हैं । इस दौरान हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए इससे हनुमान जी रुष्ठ हो सकते हैं तथा पूजा का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
किसी का जन्म होने पर
परिवार में किसी के जन्म लेने पर 12 दिन तक के समय को सुआ कहते हैं इस दौरान भी हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए इससे हनुमान जी रुष्ठ हो सकते हैं तथा पूजा का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।