हनुमान जयंती 2019: पवनपुत्र हनुमान के जन्मोत्सव पर पढ़ें ये प्रसिद्ध दोहे और चौपाई, बदल जाएगा जीवन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 19, 2019 08:22 AM2019-04-19T08:22:14+5:302019-04-19T08:22:14+5:30
हनुमान चालीसा में कुल 40 चौपाइयां हैं और अगर इसका मतलब निकाला जाए तो यह एक आम आदमी का जीवन क्रम होता है। माना जाता है कि तुल़सीदास जी ने हनुमान चालीसा की रचना रामचरित मानस के रचना से पहले ही कर दिया था। ऐसा उन्होंने राम जी को पाने के लिए किया था ।
बहुत कम लोग इस बात से अवगत हैं कि हनुमान चालीसा में कुल 40 चौपाइयां हैं और अगर इसका मतलब निकाला जाए तो यह एक आम आदमी का जीवन क्रम होता है। माना जाता है कि तुल़सीदास जी ने हनुमान चालीसा की रचना रामचरित मानस के रचना से पहले ही कर दिया था। ऐसा उन्होंने राम जी को पाने के लिए किया था । हनुमान जी को भगवान शिव का रूद्र अवतार माना जाता है।हनुमान जी का जन्म वानर राजा केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ से हुआ था। इस बार हनुमान जयंती 19 अप्रैल, शुक्रवार को पड़ रहा है। हम आपको कुछ ऐसे चौपाई और दोहे के बारे में बताएंगे जिसको पढ़ने से आपका जीवन बदल सकता है।
1) श्रीगुरु चरण सरोज रज
निज मनु मुकुर सुधारि।।
इसका मतलब यह है कि मैं अपने गुरु के चरणों की धूल से अपने मन के दर्पण को साफ करता हूं। इस चौपाई में गुरु के महत्व को बताया गया है अर्थात गुरु के बिना जीवन में कोई आगे नहीं बढ़ सकता।
2) कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुँचित केसा।।
इस दोहे में हनुमान जी के श्रृंगार का वर्णन किया गया है। जिसका तात्पर्य यह है कि आदमी का रहन सहन उसके आगे बढ़ने में मदद करता है। अत: आदमी पहनावे और रहन सहन के तरिकों पर ध्यान देना चाहिए।
3) विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर।।
हनुमान जी विद्यावान, गुणों से भरपूर और चतुर भी हैं तथा राम जी के कार्य के लिए हमेशा आतुर रहते हैं। इस चौपाई के जरिए ये बताया गया है कि सिर्फ डिग्री होने से कुछ नहीं होता डिग्री के साथ साथ इंसान को अपने गुणों और चतुराई भी बढ़ाना होगा।
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4) प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया।।
हनुमान जी श्री राम की कथा सुनने में रसिक हैं। हनुमान के मन में राम, सीता और लक्ष्मण तीनों ही वा़स करते हैं। इस चौपाई का यह अर्थ है कि व्यक्ति की जो प्राथमिकता है, जो काम है उसको सिर्फ बोलने में ही नहीं सुनने में भी रस आना चाहिए। अच्छा श्रोता होना बेहद जरुरी है।