हनुमान जयंती 2019: जानें पूजा का शुभ मुहूर्त एवं सरल शास्त्रीय पूजा विधि
By गुलनीत कौर | Published: April 18, 2019 08:14 AM2019-04-18T08:14:42+5:302019-04-18T08:14:42+5:30
चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हनुमान का जन्म हुआ था। माता अंजनी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया था। हनुमान जी के पिता का नाम केसरी था इसलिए उन्हें केसरी नंदन के नाम से भी जाना जाता है।
हिन्दू धर्म के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हनुमान का जन्म हुआ था। माता अंजनी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया था। हनुमान जी के पिता का नाम केसरी था इसलिए उन्हें केसरी नंदन के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष 19 अप्रैल 2019, दिन शुक्रवार को देशभर मने हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाएगा।
हनुमान जयंती पर संकटमोचन के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत करते हैं। पूर्ण विधि विधान से हनुमान जी की पूजा भी की जाती है। हनुमान मंदिरों में भव्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। कई जगहों पर इसदिन भगवान हनुमान की रथ यात्रा भी निकाली जाती है। इस यात्रा में दूर दूर से लोग आते हैं और भगवान हनुमान के दर्शन पाते हैं।
हनुमान जयंती व्रत नियम:
इस वर्ष यदि आप भी भगवान हनुमान जी के नाम का व्रत कर रहे हैं तो कुछ नियमों का विशेष ख्याल रखें। जैसे कि बिना स्नान किए पूजा ना करें। मुख की शुद्धि का भी विशेष ख्याल रखें। यदि व्रत कर रहे हैं तो तामसिक भोजन से दूर रहें। किसी से कटु वचन ना करें। करोड़ पर नियंत्रण रखें। भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें।
हनुमान जयंती पूजा विधि
हनुमान चालीसा की एक पंक्ति है- "भूत पिशाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै।।" अर्थात् जहां हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है वहां भूत, पिचाश आस-पास भी नहीं भटकते हैं और पीड़ा मिट जाती है। अगर बजरंगबली की पूजा सच्चे मन से किया जाए और उनके लिए व्रत रखा जाए तो सारे दुख दूर हो जाते है। आइए जानते हैं हनुमान जयंती की पूजा विधि:
1) व्रत से पहले वाली रात में जमीन पर सोने से पहले भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ हनुमान जी का स्मरण करें
2) सुबह जल्दी उठकर दोबार राम-सीता और हनुमान जी को याद करें। क्योंकि भगवान राम के बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाती है
3) सुबह जल्दी उठाकर स्नान एवं ध्यान करें
4) अब हाथ में पवित्र जल या गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प करें और उसके बाद हनुमान जी का स्मरण करें
5) इसके बाद, पूर्व की ओर भगवान हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करें
6) अब विनम्र भाव से बजरंगबली की प्रार्थना करें
7) हनुमान जयंती के दिन रामचरितमानस के सुंदर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए
8) इस दिन हनुमान जी को पान का बीड़ा व सिंदूर चढ़ाएं
9) पूजा करते वक्त इस मंत्र का जरूर जाप करें - 'ॐ श्री हनुमंते नम: