हनुमान जयंती पर पढ़ें बजरंगबली के जन्म और जीवन से जुड़े 5 रहस्य

By गुलनीत कौर | Published: April 19, 2019 03:41 PM2019-04-19T15:41:19+5:302019-04-19T15:41:19+5:30

जन्म के समय हनुमान का नाम 'मारुति' रखा गया था। हनुमान बेहद नटखट थे। हनुमान के बचपन से जुड़ी कई बातें 'ब्रह्मांडपुराण' में मिलती हैं। इसके अनुसार भगवान हनुमान के पांच भाई थे।

Hanuman Jayanti Special: Read 5 interesting and little known facts about Lord Hanuman birth and life story | हनुमान जयंती पर पढ़ें बजरंगबली के जन्म और जीवन से जुड़े 5 रहस्य

हनुमान जयंती पर पढ़ें बजरंगबली के जन्म और जीवन से जुड़े 5 रहस्य

हिन्दू धर्म में हनुमान जी को कई नामों से जाना जाता है। भगवान राम का परम भक्त होने की वजह से उन्हें 'रामभक्त हनुमान' कहकर पुकारा जाता है। राजा केसरी और माता अंजनी की संतान हनुमान को 'केसरीनंदन' और 'अंजनी पुत्र' के नाम से भी सम्भोदित किया जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार एक वरदान हेतु हनुमान जी पवन देवता की संतान हैं इसलिए उन्हें 'पवनपुत्र' भी कहते हैं। भगवान शिव का 11वां अवतार होने की वजह से वे 'रुद्रावतारी' भी कहलाते हैं। 

हनुमान जी के इन सभी नामों से उनके जीवन एवं उनसे जुड़े परिवार के बारे में पता चलता है। लेकिन अधिकतर लोग उनके परिवार के संदर्भ में केवल उनके माता-पिता के बारे में ही जानते हैं। ज्यादातर लोग हनुमान जी को केवल रामायण काल में उनके योगदान की वजह से ही जानते हैं। किन्तु हनुमान जी का जन्म और उनका बचन बचपन कई रहस्यों से भरा है। उनकी माता अंजनी से जुड़ी कहानी भी दिलचस्प है। आइए आपको विस्तार से भगवान के जन्म, बचपन और उनके पूरे परिवार के बारे में बताते हैं। 

1) शिव का वरदान

एक पौराणिक कथा के अनुसार माता अंजनी एक अपसरा थीं किन्तु एक श्राप के बंधन में बंधने के कारण उन्हें वानरी रूप में पृथ्वी पर रहना पड़ रहा था। श्राप से मुक्ति के लिए अंजना ने वर्षों शिव की तपस्या की। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा। तब अंजना ने शिव से पुत्र रूप में उनकी कोख से जन्म लेने को कहा। इसके बाद ही वे श्राप से मुक्त होंगी।

भगवान शिव ने उसकी इच्छा को जल्द ही पूर्ण होने का वचन दिया और 'तथास्तु' कहकर चले गए। कुछ ही दिनों के बाद जंगल में बैठी अंजना शिव तपस्या में लीन थी। कुछ मीलों की दूरी पर राजा दशरथ पुत्र प्राप्ति के लिए अपनी तीनों रानियों के साथ महायाग्य करा रहे थे। महायज्ञ के अंत में रानियों को प्रसाद दिया गया।

प्रसाद देते समय अचानक एक पक्षी आया और प्रसाद के कुछ दाने अपने पंजों में भरकर लेकर उड़ गया। जंगल के रास्ते से गुजरते हुए उस पक्षी के पंजों से प्रसाद का कुछ हिस्सा गिर गया। यह हिस्सा जंगल में तपस्या कर रही अंजना के हाथों में आकर गिरा। अंजना ने इसे शिव का प्रसाद समझ ग्रहण कर लिया। इसके बाद ही अंजना को पुत्र रूप में हनुमान की प्राप्ति हुई।

2) हनुमान का बाल रूप

जन्म के समय हनुमान का नाम 'मारुति' रखा गया था। हनुमान बेहद नटखट थे। हनुमान के बचपन से जुड़ी कई बातें 'ब्रह्मांडपुराण' में मिलती हैं। इसके अनुसार भगवान हनुमान के पांच भाई थे। हनुमान को मिलाकर राजा केसरी के 6 पुत्र थे। इन सबमें हनुमान सबसे बड़े थे। राजा केसरी और अंजना की कोई संतान ना होने के कारण ही अनजाना ने शिव से तपस्या की थी। जिसके बाद उन्हें सबसे पहले हनुमान और बाद में 5 और पुत्रों की प्राप्ति हुई। 

3) ब्रह्मचारी हनुमान

लोक मान्यता के अनुसार भगवान हनुमान को ब्रह्मचारी कहा जाता है। किन्तु एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान हनुमान का विवाह हुआ था। वे पूर्ण ब्रह्मचारी का पालन करते थे इसलिए उन्हें ब्रह्मचारी कहा जाता था। भगवान हनुमान के एक पुत्र का उल्लेख भी पुराणों में मिलता है जिसका नाम 'मकरध्वज' बाताया जाता है। 

4) हनुमान जी का पुत्र

कहते हैं कि हनुमान का यह पुत्र उनके पसीने की बूंद से हुआ था। जब उनके पसीने की बूंद भूमि पर गिरी थी तो उसके स्पर्श से भूमि देवी द्वारा एक पुत्र का जन्म हुआ। इस पुत्र का नाम मकरध्वज रखा गया। हनुमान के पुत्र का वर्णन और यह कहानी केवल 'ब्रह्मांडपुराण' में ही मिलती है। 

5) हनुमान के भाई भीम

एक और कथा के अनुसार महाभारत काल में बलशाली भीम को भगवान हनुमान का भाई बताया जाता है। इतना ही नहीं, महाभारत काल की कई कहानियों में हनुमान जी का जिक्र भी होता है। कहते हैं कि हनुमान जी स्वयं अर्जुन के रथ पर उसकी रक्षा करने के लिए हर पल मौजूद थे। 

Web Title: Hanuman Jayanti Special: Read 5 interesting and little known facts about Lord Hanuman birth and life story

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे