पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है। शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण अवश्य करना चाहिए। पृथ्वी लोक में माता पिता एवं पितृ साक्षात देवता है अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा विश्वास एवं उत्साह के साथ मनाना चाहिए। Read More
Pitru Paksha: पितृपक्ष अब समापन की ओर है। आज त्रयोदशी है जबकि शनिवार (28 सितंबर) को अमावस्था तिथि के साथ ही इसका समापन हो जाएगा। ऐसे में जानिए, इन दिनों में किसका करें श्राद्ध... ...
Pitru Paksha: कौए को लेकर ऐसी भी मान्यता है कि उसका जुड़ाव समुंद्र मंथन काल से है। एक कथा के अनुसार इस पक्षी ने भी समुद्र मंथन से प्राप्त अमृत रस को चख लिया था। ...
पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों को लोग गंगा किनारे आकर श्राद्ध कर्म कर रहे हैं। वहीं, अक्सर देखा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पुरुष की अपने पूर्वजों को जल तर्पण करते हैं, लेकिन अब महिलाएं भी आगे आने लगी हैं। ...
Pitru Paksha: पिंडदान के लिए गया आने तक पूरे रास्ते में पितृदंड को रिजर्व सीट पर लेटाकर रखा जाता है। इस दौरान ट्रेन में सवार परिजन उनकी देखरेख करते रहते हैं। सदस्य 2 से 3 घंटे का पहरा देते हैं ...
Pitru Paksha 2019: पितृपक्ष के दौरान पितरों के श्राद्ध और तर्पण के साथ-साथ ब्राह्मणों को भोज कराना भी अनिवार्य माना जाता है। जानिए, इससे जुड़े कुछ अहम नियम... ...
Pitru Paksha 2019: मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष एक ऐसा समय होता है जब पूर्वज धरती पर आते हैं। इसलिए कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे वे दुखी हों। ...
Pitru Paksha 2019: मान्यता है कि श्राद्ध से तीन पीढ़ियों के पूर्वजों को तर्पण किया जा सकता है। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष के दौरान अपने मृत परिजनों का श्राद्ध उसी तिथि को करें जिस तिथि में उनकी मृत्यु हुई है। ...