पितृपक्ष: अटल बिहारी वाजपेयी की पौत्री ने अपने बाबा के लिए गंगा किनारे किया तर्पण

By रामदीप मिश्रा | Published: September 22, 2019 01:41 PM2019-09-22T13:41:02+5:302019-09-22T13:41:02+5:30

पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों को लोग गंगा किनारे आकर श्राद्ध कर्म कर रहे हैं। वहीं, अक्सर देखा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पुरुष की अपने पूर्वजों को जल तर्पण करते हैं, लेकिन अब महिलाएं भी आगे आने लगी हैं।

Women perform Tarpan during Pitru Paksha in Kanpur, Nandita Mishra grand-daughter of Atal Bihari Vajpayee also performed the ritual | पितृपक्ष: अटल बिहारी वाजपेयी की पौत्री ने अपने बाबा के लिए गंगा किनारे किया तर्पण

Photo: ANI

Highlightsउत्तर प्रदेश के कानपुर में रविवार (22 सितंबर) को गंगा नदी के किनारे महा तर्पण का आयोजन किया गया।आयोजन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पौत्री नंदिता मिश्रा भी पहुंची थी उन्होंने भी अपने दिवंगत बाबा को गंगाजल तर्पण किया। 

उत्तर प्रदेश के कानपुर में रविवार (22 सितंबर) को गंगा नदी के किनारे महा तर्पण का आयोजन किया गया। इस दौरान काफी संख्या में महिलाओं ने अपने पूर्वजों को गंगा जल से तर्पण किया। इस आयोजन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पौत्री नंदिता मिश्रा भी पहुंची थी उन्होंने भी अपने दिवंगत बाबा को गंगाजल तर्पण किया। 

पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों को लोग गंगा किनारे आकर श्राद्ध कर्म कर रहे हैं। वहीं, अक्सर देखा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पुरुष की अपने पूर्वजों को जल तर्पण करते हैं, लेकिन अब महिलाएं भी आगे आने लगी हैं। बताया गया है कि गंगा के किनारे महिलाओं को तर्पण करवाने का उद्देश्य उनके अधिकार दिलवाना है। 


बता दें कि आज पितृपक्ष अष्टमी है। 28 सितंबर तक आप अपने पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण कर सकते हैं। मान्यता है कि पितृपक्ष के समय पू्र्वज धरती पर आते हैं। इसलिए उनके नाम से ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराना चाहिए। साथ ही दान आदि भी करना चाहिए। जो लोग ऐसा नहीं करते उनके पितर भूखे-प्यासे ही धरती से लौट जाते हैं। इससे परिवार को पितृ दोष लगता है। शास्त्रों के अनुसार साल के 12 माह में 12 अमावस्या तिथि को भी श्राद्ध किया जा सकता है।

मान्यता है कि श्राद्ध से तीन पीढ़ियों के पूर्वजों को तर्पण किया जा सकता है। इसके मायने ये हुए श्राद्ध तीन पीढ़ियों तक होता है। आमतौर पर श्राद्ध को पुत्र, पोता, भतीजा या भांजा करते हैं। यह सही भी है। वैसे जिनके घर में पुरुष सदस्य नहीं हैं, उनमें महिलाएं भी श्राद्ध कर सकती हैं। पितृपक्ष में सभी तिथियों का महत्व अलग-अलग है। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष के दौरान अपने मृत परिजनों का श्राद्ध उसी तिथि को करें जिस तिथि में उनकी मृत्यु हुई है।

Web Title: Women perform Tarpan during Pitru Paksha in Kanpur, Nandita Mishra grand-daughter of Atal Bihari Vajpayee also performed the ritual

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