Pitru Paksha 2019: कौए का क्या है पितृपक्ष से जुड़ाव और क्यों भगवान श्रीराम ने फोड़ दी थी इसकी आंख?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 25, 2019 03:20 PM2019-09-25T15:20:45+5:302019-09-25T15:20:45+5:30
Pitru Paksha: कौए को लेकर ऐसी भी मान्यता है कि उसका जुड़ाव समुंद्र मंथन काल से है। एक कथा के अनुसार इस पक्षी ने भी समुद्र मंथन से प्राप्त अमृत रस को चख लिया था।
Pitru Paksha 2019:पितृपक्ष का समापन 28 अक्टूबर (शनिवार) को अश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के साथ ही हो जाएगा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष का बहुत महत्व है। 16 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना चाहिए । इसी संदर्भ में कौओं को लेकर भी विशेष मान्यताएं हैं। श्राद्ध पक्ष में कौए का घर की छत पर आना या उसका दर्शन बहुत शुभ माना गया है।
मान्यता है कि हमारे पितर कौए के शरीर में विचरण कर सकते हैं। इसलिए इन दिनों में इन्हें पितृ का प्रतीक माना गया है। ऐसे में उन्हें कराया गया भोजन पितरों को प्राप्त होता है। गरुण पुराण में कौए को यम का संदेश वाहक भी कहा गया है।
कौए को लेकर ऐसी भी मान्यता है कि उसका जुड़ाव समुंद्र मंथन काल से है। एक कथा के अनुसार इस पक्षी ने समुद्र मंथन से प्राप्त अमृत रस को चख लिया था। इसलिए कौए की स्वाभाविक मृत्यु नहीं होती। इसकी मृत्यु हमेशा आकस्मिक होती है। हालांकि, विज्ञान के अनुसार यह बात सत्य से परे है।
राम ने फोड़ी थी कौए की आंख
त्रेतायुग से जुड़ी कथा के अनुसार देवराज इंद्र के पुत्र जयंत ने कौए का रूप धारण किया था। एक बार शरारत करते हुए कौए के रूप में जयंत ने माता सीता के पैर में चोंच मार दी। श्रीराम ने जब यह देखा तो उन्होंने एक तिनके से जयंत की आंख फोड़ दी। इसके बाद जयंत ने अपने किए की माफी मांगी। उसी के बाद राम ने कौए को वरदान दिया कि पितरों को अर्पित किए जाने वाले भोजन का एक हिस्सा उसे भी मिलेगा।