पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है। शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण अवश्य करना चाहिए। पृथ्वी लोक में माता पिता एवं पितृ साक्षात देवता है अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा विश्वास एवं उत्साह के साथ मनाना चाहिए। Read More
महालया अमावस्या 2025 कब है? जानें 21 सितंबर 2025 की तिथि, महत्त्व, पूजा विधि और पितरों को तर्पण देने का महत्व। श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन क्यों है खास। ...
GST New Rate: टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और रेनॉल्ट इंडिया जैसी प्रमुख वाहन निर्माताओं ने अपने यात्री वाहन पोर्टफोलियो में कीमतों में कटौती की घोषणा की है। ...
Rohtas Road Accident: बिहार के रोहतास जिले में सोमवार सुबह एक तेज रफ्तार बस के एक खड़े ट्रक में पीछे से टकरा जाने से तीन लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए। ...
Mahalaya Amavasya 2024: पितृ पक्ष में तिथि अनुसार, पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। किंतु जब हमें अपने दिवंगत पूर्वजों की तिथि ज्ञात नहीं होती है। उस स्थिति में सर्व पितृ अमावस्या के दिन ही उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है, जिससे प ...
हिंदू धर्म में किसी भी अवसर पर, विशेष रूप से इस तरह के महत्वपूर्ण व्रतों पर, चार-मुखी दीया जलाना एक श्रद्धेय अनुष्ठान है जो आध्यात्मिक विकास और ज्ञान का प्रतीक है। ...
Ekadashi Shradh 2024: एकादशी श्राद्ध करके परिवार अपने प्रियजनों के प्रति कृतज्ञता, श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करते हैं, जिससे उनकी परलोक की शांतिपूर्ण यात्रा सुनिश्चित होती है। ...
Indira Ekadashi 2024 Vrat Upay: हर साल यह व्रत पितृ पक्ष में रखा जाता है, इसलिए इस व्रत को पितरों के लिए विशेष माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जो लोग अपने पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि करते हैं, उनको इंदिरा एकादशी का व्रत जरूर रखना च ...