भारत में जब किसी विपक्षी दल को लगता है कि मौजूदा सरकार सदन का विश्वास या बहुमत खो चुकी है तो वह अविश्वास प्रस्ताव पेश करता है। इसके लिए वह सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष या स्पीकर को इसकी लिखित में सूचना देता है। इसके बाद स्पीकर उसी दल के किसी सांसद से इसे पेश करने के लिए कहता है। अविश्वास प्रस्ताव को तभी स्वीकार किया जा सकता है, जब सदन में उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो। Read More
संसद के सदन लोकसभा में अस्वीकार प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद घरेलू बाजार में जोर का झटका लगा है। पहले ही दिन सेंसेक्स ऊपरी स्तरों 422 अंक टूटकर 36,373.44 तक गिर गया है। ...
जेपी के संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि बहुमत को लेकर हम पूरी तरह आश्वस्त हैं। बीजेपी अकेले पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार कर सकती है। सहयोगी दलों के साथ मिलकर यह आंकड़ा कहीं बढ़ जाएगा। ...
सदन में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वाले सभी सदस्यों का उल्लेख किया और तेदेपा के एस केसीनेनी को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने को कहा। ...
मोदी सरकार के खिलाफ 8 अविश्वास प्रस्ताव पेश किए गए हैं। जिसमें से लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार किया है। मोदी सरकार के खिलाफ ये पहला अविश्वास प्रस्ताव है। ...