सेना द्वारा पिछले साल फरवरी में तख्तापलट के बाद सत्ता से बाहर कर दी गयीं सू की ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था कि उनके एक शीर्ष राजनीतिक सहकर्मी ने घूस के तौर पर सोना और हजारों डॉलर लिए थे। ...
गत वर्ष 1 फरवरी को सेना ने एनएलडी प्रमुख म्यांमार की सबसे लोकप्रिय जननेता आंग सान सू की, उनकी पार्टी के राष्ट्रपति यू विन मिंट और सारे कैबिनेट मंत्रियों को जेल में डाल दिया. सेना ने एक फरवरी 2021 को ही एक साल के लिए देश में इमर्जेंसी लगा दी. मगर साथ ...
इससे पहले 6 दिसंबर को सू की को कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने और लोगों को उकसाने के दो अन्य आरोपों में चार साल जेल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, बाद में यह सजा घटाकर दो साल कर दी गई थी और उन्हें नेपीडाव शहर में नजरबंदी में रहने की मंजूरी दे दी थी। ...
करेनी ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने कहा कि उन्हें आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के जले हुए शव मिले, जिनमें शनिवार को ह्प्रुसो शहर के मो सो गांव के पास म्यांमार पर शासन करने वाली सेना द्वारा मारे गए बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। ...
श्रृंगला ने साहसिक पहल की और फौजी शासकों से कहा कि वे जेल जाकर सू ची से मिलना चाहते हैं। फौजियों ने उसकी अनुमति उन्हें नहीं दी लेकिन इससे यह तो प्रकट हो ही गया कि भारत म्यांमार की घटनाओं के प्रति तटस्थ या उदासीन नहीं है। ...
अमेरिका ने एक बयान में कहा कि हमारे आज के कार्य, विशेष रूप से ब्रिटेन और कनाडा के साथ साझेदारी में एक संदेश भेजते हैं कि दुनियाभर के लोकतंत्र उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो राज्य की शक्ति का दुरुपयोग करके पीड़ा और दमन करते हैं। ...
इस साल 1 दिसंबर तक 293 पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया था। इन 293 पत्रकारों में से 40 फीसदी पत्रकार महिलाएं हैं। काम के कारण सबसे अधिक चार पत्रकारों की भारत में हत्या की गई जबकि पांचवें पत्रकार की एक विरोध प्रदर्शन को कवर करने के दौरान मौत हुई। ...