2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचन्द गांधी को दुनिया महात्मा गांधी के नाम से जानती है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे अहम भूमिका निभाई थी। वे सत्य और अहिंसावादी थे। उन्होंने 200 सालों की अंग्रेजी हुकुमत को अहिंसावादी अंदोलनों से उखाड़ फेंका। इसमें स्वदेशी अंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, नमक सत्याग्रह जैसे प्रमुख आंदोलन हैं। आजादी के वक्त वह भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के खिलाफ थे। आजादी के बाद 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। Read More
मध्य प्रदेश की प्रज्ञा सिंह ठाकुर मालेगांव ब्लास्ट और आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड के बाद चर्चा में आईं। प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव धमाके की आरोपी के तौर पर करीब 9 साल जेल में रहीं और फिर जमानत पर बाहर आईं। लोकसभा चुनाव-2019 में बीजेपी ने उन्हें भ ...
प्रज्ञा ठाकुर मामले में राजद के मनोज झा और आप के संजय सिंह ने कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इस बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रज्ञा ठाकुर के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि महात्मा गांधी हमारे आदर्श हैं। ...
लोकसभा चुनाव -2019 प्रचार के दौरान भी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिया था जिसकी वजह से बड़ा राजनीतिक विवाद मचा था। बाद में उन्होंने अपने बयान के लिये माफी मांग ली थी। ...
लोकसभा चुनाव-2019 प्रचार के दौरान ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त करार दिया था जिसकी वजह से बड़ा राजनीतिक विवाद मचा था। बाद में उन्होंने अपने बयान के लिये माफी मांग ली थी। ...
सदन में जब द्रमुक सदस्य ए राजा ने चर्चा में भाग लेते हुए नकारात्मक मानसिकता को लेकर गोडसे का उदाहरण दिया तो प्रज्ञा अपने स्थान पर खड़ी हो गईं और कहा कि ‘देशभक्तों का उदाहरण मत दीजिए’। इस पर कांग्रेस के कई सदस्यों ने आपत्ति जताई और यह आरोप लगाते हुए स ...
एक जुलाई 2019 की स्थिति के अनुसार सेना में 6868 महिला अधिकारी हैं जबकि वायुसेना में एक नवंबर 2019 की स्थिति के अनुसार यह संख्या 2302 है। नौसेना में 15 नवंबर 2019 की स्थिति के अनुसार 1077 महिला अधिकारी कार्यरत हैं। ...
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की पड़पोती और हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने कहा, ‘‘देश की स्वतंत्रता में गांधीजी की भूमिका ठीक वैसी ही थी, जैसी महाभारत में भीष्म पितामह की। वह देश विभाजन देखते रहे और सत्ता के लालची नेताओं को रोका नहीं। ...