प्रज्ञा ठाकुर के विवादास्पद बयान पर संसद में भारी हंगामा, राजनाथ सिंह बोले- महात्मा गांधी हमारे आदर्श हैं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 28, 2019 11:32 AM2019-11-28T11:32:10+5:302019-11-28T11:32:10+5:30
प्रज्ञा ठाकुर मामले में राजद के मनोज झा और आप के संजय सिंह ने कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। इस बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रज्ञा ठाकुर के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि महात्मा गांधी हमारे आदर्श हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में अपनी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के विवादास्पद बयान की गुरुवार को निंदा की और उन्हें रक्षा मामलों की परामर्श समिति से हटाये जाने की सिफारिश की। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा, लोकसभा सांसद प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी की निंदा करती है, पार्टी ऐसे बयानों का कभी समर्थन नहीं करती। नड्डा ने ठाकुर को रक्षा मामलों की परामर्श समिति से हटाये जाने की भी सिफारिश की। ठाकुर संसद सत्र के दौरान भाजपा संसदीय दल की बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी ठाकुर के बयान की निंदा करते हुए कहा कि अगर कोई नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहता है तो हमारी पार्टी उसकी निंदा करती है। महात्मा गांधी हमारे लिए आदर्श हैं। उन्होंने कहा कि वो हमारे प्रेरणा स्रोत हैं और हमेशा रहेंगे। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि उनके बयान को कार्यवाही से हटा दिया गया है इसलिए अब उस बयान की चर्चा नहीं करनी चाहिए।
Defence Minister Rajnath Singh in Lok Sabha: If someone considers Nathuram Godse as a 'deshbhakt', then our party condemns it. Mahatma Gandhi is an idol for us, he was our guiding light and will remain so. pic.twitter.com/uDBrY28kRq
— ANI (@ANI) November 28, 2019
बयान पर संसद में भारी हंगामा
राज्यसभा में राजद के सदस्य मनोज झा और आप के संजय सिंह ने भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे के बारे में दिए विवादित बयान के मामले को उच्च सदन में उठाने की सभापति से अनुमति माँगते हुए कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार झा और सिंह ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को लोकसभा में ठाकुर द्वारा देशभक्त बताने पर नियम 267 के तहत राज्यसभा के सभापति को भेजे नोटिस में सदन की पूर्वनिर्धारित कार्यवाही को स्थगित कर सदन में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार माकपा के राज्यसभा सदस्य केके रागेश ने भी नियम 267 के तहत सभापति को नोटिस देकर बीएसएनएल के कर्मचारियों के साथ हो रहे भेदभाव का मुद्दा सदन में उठाने की माँग की है। नोटिस मे उन्होंने बीएसएनएल संविदा श्रमिकों को दस महीने से वेतन नहीं मिलने और केंद्र सरकार द्वारा आधे से अधिक नियमित तथा ठेका कर्मियों की छटनी का मुद्दा उठाने की माँग की है।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर