देश की स्वतंत्रता में गांधीजी की भूमिका ठीक वैसी ही थी, जैसी महाभारत में भीष्म पितामह कीः राज्यश्री चौधरी

By भाषा | Published: November 19, 2019 06:23 PM2019-11-19T18:23:30+5:302019-11-19T18:23:30+5:30

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की पड़पोती और हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने कहा, ‘‘देश की स्वतंत्रता में गांधीजी की भूमिका ठीक वैसी ही थी, जैसी महाभारत में भीष्म पितामह की। वह देश विभाजन देखते रहे और सत्ता के लालची नेताओं को रोका नहीं। विभाजन से खफा होकर ही नाथूराम गोड़से ने गांधी को मारा, लेकिन हत्या की असली गुनाहगार उस समय की नेहरू सरकार थी।’’

Gandhiji's role in the country's independence was similar to that of Bhishma Pitamah in the Mahabharata: Rajyashree Chaudhary | देश की स्वतंत्रता में गांधीजी की भूमिका ठीक वैसी ही थी, जैसी महाभारत में भीष्म पितामह कीः राज्यश्री चौधरी

चौधरी ने कहा कि नेताजी को प्लेन क्रैश में मरा बता दिया, लेकिन जो दस्तावेज सामने आए हैं, उनसे साबित होता है कि वह काफी समय तक जिंदा रहे।

Highlightsगांधी ने भगत सिंह की फांसी तक नहीं रोकी।यहां तक कि नेहरू का पक्ष लेते हुए नेताजी सुभाषचंद्र बोस का विरोध किया।

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की पड़पोती और हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने कहा कि देश की स्वतंत्रता में महात्मा गांधी की भूमिका ठीक वैसी ही थी जैसी महाभारत में भीष्म पितामह की थी।

वह देश का विभाजन देखते रहे और सत्ता के लालची नेताओं को रोका नहीं। चौधरी यहां हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं से मिलने आई थीं। महासभा के दौलतगंज स्थित कार्यालय में मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘देश की स्वतंत्रता में गांधीजी की भूमिका ठीक वैसी ही थी, जैसी महाभारत में भीष्म पितामह की।

वह देश विभाजन देखते रहे और सत्ता के लालची नेताओं को रोका नहीं। विभाजन से खफा होकर ही नाथूराम गोड़से ने गांधी को मारा, लेकिन हत्या की असली गुनाहगार उस समय की नेहरू सरकार थी।’’ उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि देश की स्वतंत्रता में गांधी जी का योगदान था, लेकिन वह भीष्म पितामह बने रहे। गांधी जी ने कहा था कि देश का विभाजन मेरी लाश पर होगा, तो फिर उन्होंने विभाजन रोका क्यों नहीं। सत्ता के लालची नेताओं की बातों में आकर देश का विभाजन होने दिया। जिन लोगों ने देश के लिए अपनी जान दी, उन्हें सरकार ने आतंकवादी ठहरा दिया।

गांधी ने भगत सिंह की फांसी तक नहीं रोकी। यहां तक कि नेहरू का पक्ष लेते हुए नेताजी सुभाषचंद्र बोस का विरोध किया। चौधरी ने कहा कि नेताजी को प्लेन क्रैश में मरा बता दिया, लेकिन जो दस्तावेज सामने आए हैं, उनसे साबित होता है कि वह काफी समय तक जिंदा रहे।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के समय ज्यादातर कांग्रेसी सरदार पटेल को देश का नेतृत्व सौंपना चाहते थे, लेकिन गांधी जी ने नेहरू के पक्ष में सबको चुप करा दिया। ग्वालियर में नाथूराम गोडसे की पूजा करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जिस कार्यकर्ता पर कांग्रेस की सरकार ने पर्चे बांटने का मामला दर्ज किया है, वह उस समय वह फैक्ट्री में काम कर रहा था, इसका सीसीटीवी फुटेज भी है।

उन्होंने कहा कि इसके बाद भी यदि गिऱफ्तारी होती है तो हिंदू महासभा अपना आंदोलन तेज करेगी और कार्यकर्ता संसद पर जाकर प्रदर्शन करेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते ग्वालियर में नाथूराम गोडसे की पूजा करने के बाद पुलिस ने हिंदू महासभा के कार्यकर्ता पर भावनाएं आहत करने वाले पर्चे बांटने का मामला दर्ज किया है। उसके बाद यह इस मामले में राजनीति तूल पकड़ती जा रही है।

Web Title: Gandhiji's role in the country's independence was similar to that of Bhishma Pitamah in the Mahabharata: Rajyashree Chaudhary

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