माघ मेला की शुरुआत हर साल पौष पूर्णिमा से होती है और महाशिवरात्रि तक जारी होता है। इस डेढ़ महीने के दौरान पवित्र नदियों में स्नान और फिर दान की परंपरा है। पौष पूर्णिमा के अलावा जिन महत्वपूर्ण दिनों में स्नान और दान की परंपरा है, वे हैं- मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि। इसमें अमावस्या तिथि को बेहद शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर देवता धरती पर रूप बदलकर आते हैं और संगम में स्नान करते हैं। Read More
हिन्दू धर्म में माघ का महीना सबसे पवित्र महीना बताया जाता है। स्वर्ग लोक की इच्छा पूरी करने के लिए लोग माघ मास में तरह-तरह के उपाय करते हैं। साथ ही माघ के महीने में पवित्र नदी में स्नान करने को भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। साल 2020 में माघ मा ही ...
Magh Mela: कड़ाके की ठंड और सर्द हवाओं के बावजूद सुबह से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। माघ मेला 21 फरवरी, 2020 को महाशिवरात्रि स्नान के साथ संपन्न हो जाएगा। ...
Magh Mela 2020 Significance & Importance in Hindi: गंगा नदीं में स्नान को लेकर ऐसी मान्यता है कि इससे सभी पाप दूर हो जाते हैं। हर रोज हजारों लोग इस पवित्र नदी में स्नान करते हैं, तो क्या सभी के कष्ट दूर होते हैं। ...
माना जाता है कि पौष मास की पूर्णिमा से माघ मास की पूर्णिमा तक पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। सिर्फ यही नहीं माघ के महीने में कुछ विशेष प्रकार के उपायों को भी किया जाना अच्छा बताया जाता है। ...
मेला क्षेत्र में जिस समय आप घुसिएगा चारों ओर रंग-बिरंगे टेंट के साथ हवा में लहराता रंग-बिरंगा झंडा दिखाई देगा। किसी पर त्रिशूल बना होता है तो किसी पर तीर कमान, किसी पर रेलगाड़ी तो किसी पर हवाई जहाज। ...