चन्द्रग्रहण उस खगोलीय घटना को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी से ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में चला जाता है। इस दौरान सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक ही क्रम में लगभग सीधी रेखा में आ जाते हैं। विज्ञान के इतर हिन्दू धर्म में ज्योतिष शास्त्र की चन्द्रग्रहण की अपनी एक परिभाषा है जिसके अनुसार चंद्रमा के आगे राहु-केतु नाम की खगोलीय बिंदु बन जाती है। राहु-केतु ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक छाया ग्रह हैं। इनके प्रभाव से व्यक्ति विशेष पर बुरा असर पड़ता है इसलिए शास्त्रों में ग्रहण से बचने के लिए विभिन्न उपाय दर्ज हैं। Read More
ग्रहण का हमारे जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है। साल में पड़ने वाले ग्रहण की बात करें तो ये ग्रहण भारत समेत यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। ...
ग्रहण का हमारे जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है। इस साल पड़ने वाले ग्रहण की बात करें तो ये ग्रहण भारत समेत यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। ...
आज शाम में चांद हर रोज से कहीं ज्यादा बड़ा व खूबसूरत आपको दिखने वाला है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि पिंक सुपरमून के दौरान चांद धरती के बेहद करीब होगा। ...
Chandra Grahan 2020: आम मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण के 9 घंटे पहले शुरू होता है। वहीं, सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले लग जाता है। हालांकि इस बार ऐसा नहीं है। ...