Surya Grahan and Chandra Grahan 2020: एक ही महीने में लगने जा रहा है 2 ग्रहण, पूरे विश्व पर पड़ेगा ये बुरा असर

By मेघना वर्मा | Published: April 24, 2020 09:38 AM2020-04-24T09:38:13+5:302020-04-24T09:38:13+5:30

ग्रहण का हमारे जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है। इस साल पड़ने वाले ग्रहण की बात करें तो ये ग्रहण भारत समेत यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।

surya grahan and chandra grahan 2020 lunar eclispe and solar eclispe know the date and time and its effact | Surya Grahan and Chandra Grahan 2020: एक ही महीने में लगने जा रहा है 2 ग्रहण, पूरे विश्व पर पड़ेगा ये बुरा असर

Surya Grahan and Chandra Grahan 2020: एक ही महीने में लगने जा रहा है 2 ग्रहण, पूरे विश्व पर पड़ेगा ये बुरा असर

Highlightsधार्मिक दृष्टी से ग्रहण लगने के पीछे देव और असुरों की कहानी बताई जाती है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भारत और विश्व के लिए 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण बहुत संवेदनशील है।

ग्रहण को, हिन्दू धर्म में आस्था से भी जोड़ा जाता है। ग्रहों की चाल और राशि बदलने का असर क्या पड़ेगा इस बात को भी देखा जाता है। वहीं ये साल ग्रहण की दृष्टी से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी सूर्य और चन्द्र ग्रहण लगने वाला है। पर खास बात ये है कि इस साल एक ही महीने में दो ग्रहण लगेंगे।

ग्रहण का हमारे जीवन पर भी प्रभाव पड़ता है। इस साल पड़ने वाले ग्रहण की बात करें तो ये ग्रहण भारत समेत यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। आइए आपको बताते हैं इस साल ग्रहण कब-कब लग रहा है और क्या होगा इसका असर-

इस महीने लग रहा है दो ग्रहण

इस साल 5 जून को पहला ग्रहण लगेगा। वहीं दूसरा ग्रहण जून की ही 21 तारीख को लग रहा है। ये सूर्य ग्रहण होगा। दोनों ही ग्रहण भारत में समेत दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में दिखाई देंगे। इस साल कुल 6 ग्रहण लगने वाले हैं। जिसमें से पहला ग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है। 

क्या होगा ग्रहण का समय

5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहम रात 11 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा जो 6 तारीख को 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। ज्योतिष के अनुसार इसका कोई सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस ग्रहण को हम अपनी नंगी आंखों से देख नहीं पाएंगे।

वहीं सूर्य ग्रहण जो 21 जून को लग रहा है उसका समय सुबह 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा जो दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। इस ग्रहण को लम्बा ग्रहण कहा जा सकता है क्योंकि इसकी अवधि 5 घंटे 48 मिनट की होगी। ये ग्रहण आषाढ़ कृष्ण अमावस्या के दिन भारत में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा।

क्या होगा असर

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भारत और विश्व के लिए 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण बहुत संवेदनशील है। मिथुन राशि में होने जा रहे इस ग्रहण के समय मंगल और मीन में स्थित होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु को देखेंगे जो अशुभ संकेत हैं। वहीं ग्रहण के समय शनि, गुरू, शुक्र और बुध वक्र स्थिति में रहेंगे। राहु और केतु उल्टी ही चाल चलते हैं। इस वजह से भी ये ग्रहण अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं। ये स्थिति पूरे विश्व में उथल-पुथल मचाएगी। ग्रहण के कारण प्राकृतिक आपदाओं का खतरा होगा। जन-धन की हानि हो सकती है।

क्यों लगता है ग्रहण (धार्मिक दृष्टि से)

ग्रहण लगने का साइंस में अपना अलग लॉजिक और वजह बताई गई है। जबकि धार्मिक दृष्टी से ग्रहण लगने के पीछे देव और असुरों की कहानी बताई जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार जिस समय समुद्र मंथन से अमृत प्राप्त हुआ उस समय भगवान विष्णु मोहिनी का रूप धारण कर आए। उन्होंने देवताओं और असुरों को अलग-अलग बैटाकर अमृत पान कराना शुरू किया। देवों कि लाइन में असुर राहु छल से बैठ गया और उसने अमृत का पान कर लिया।

राहु को ऐसा करते सूर्य और चंद्रमा ने देख लिया। उन्होंने इसकी जानकारी भगवान विष्णु को दी। भगवान विष्णु ने फौरन सुदर्शन चक्र से राहु का सिर धड़ से अलग कर दिया। मगर राहु ने अमृत पान किया था इसलिए वो अमर हो गया। अब राहु सूर्य और चंद्रमा को अपना दुश्मन मानता है। इसलिए हर पूर्णिमा और अमावस्या के दिन ये सूर्य और चंद्रमा पर ग्रास लगाते हैं। 

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