हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार कैलाश पर्वत पर भगवान शिव विराजते हैं और इसी परवत के चरणों से बहने वाली झील का नाम मानसरोवर है। कहते हैं कि इस झील पर प्रकाश तरंगों और ध्वनि तरंगों का अद्भुत संगम होता है। लोगों ने यहां 'ॐ" की पवित्र ध्वनि का भी एहसास कई बार किया है। कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील, दोनों के साथ ही चार धर्म जुड़े हैं - तिब्बती बौद्ध, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, हिन्दू धर्म। तिब्बती मानते हैं कि कैलाश पर्वत पर एक तिब्बती संत ने वर्षं तपस्या की थी।बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मानना है कि कैलाश पर्वत पर भगवान बुद्ध तथा मणिपद्मा का निवास है। सिख धर्म के लोग भी यह मानते हैं कि उनके संस्थापक गुरु नानक ने यहाँ कुछ दिन रूककर तपस्या की थी। Read More
Kailash Mansarovar Yatra: सिक्किम के नाथूला दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 33 तीर्थयात्रियों और दो समन्वय अधिकारियों का पहला जत्था शुक्रवार को रवाना हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ...
चीन के अधिकारियों द्वारा वर्ष 2020 में कोविड महामारी फैलने के बाद से कैलाश-मानसरोवर यात्रा की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण पुरानी लिपुलेख चोटी से कैलाश दर्शन को कैलाश मानसरोवर यात्रा के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। ...
नेपाल ने लिपूलेख दर्रे को उत्तराखंड के धारचूला से जोड़ने वाली रणनीति दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण सर्कुलर लिंक रोड का भारत द्वारा उद्घाटन किए जाने पर शनिवार को आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि यह ‘‘एकतरफा कदम’ दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए ...