15 अगस्त 1947, वह दिन था जब भारत को ब्रिटिश राज से आज़ादी मिली और इस प्रकार एक नए युग की शुरुआत हुई जब भारत के मुक्त राष्ट्र के रूप में उठा। स्वतंत्रता दिवस के दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत के जन्म का आयोजन किया जाता है और भारतीय इतिहास में इस दिन का अत्यंत महत्व है। यह दिन हमारी आज़ादी का जश्न मनाने और उस सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देने का अवसर होता है जिन्होंने इस महान कारण के लिए अपने जीवन का बलिदान कर दिया। Read More
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आजादी वाले दिन अर्थात 15 अगस्त को सभी सरकारी कर्मचारियों को स्वाधीनता समारोहों में हाजिर होने के साथ अपने कार्यालयों में होने वाले समारोहों में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। ...
भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा था। इस लड़ाई में कई अहम पड़ाव भी आए। अंतत: 200 सालों के संघर्ष और लाखों लोगों के बलिदान के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ। इस साल हम आजादी की 76वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। ...
बता दें भारतीय ध्वज संहिता को 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया था। इसके लागू होने के बाद तिरंगे के फहराने से लेकर उसे उतारने के भी नियम में बदलाव किए गए थे। ...
14 फरवरी, 1916 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्मे डॉ. राजेंद्र कुमार ’अजेय’ ने कोटा में हर्बर्ट कॉलेज से स्नातक किया। अजेय और उनकी पत्नी प्रभावती सुभाष चंद्र बोस से बेहद प्रेरित थे। और जब बोस ने आजादी के बदले खून देने को कहा तो उन्होंने अपने बेटों अन ...
लोग इस दिन को सामाजिक समारोहों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने, तिरंगे फहराने, परेड देखने, नागरिकों द्वारा देशभक्ति के गीत गाने आदि के द्वारा मनाते हैं। ...